कोलकाता। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने गुरुवार को अदालत की निगरानी में केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव 2021 के बाद पूरे राज्य में हुई हिंसा की जांच के आदेश दिए हैं।कलकत्ता उच्च न्यायालय के इस आदेश के बाद भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर यह कहते हुए कि वे चुनाव बाद हिंसा रोकने में असफल रही हैं जोरदार निशाना साधा।
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अदालत की पांच न्यायाधीशों की खंडपीठ ने कहा, “ राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) समिति की रिपोर्ट के अनुसार सभी मामले व्यक्ति हत्या या महिलाओं के खिलाफ दुष्कर्म के प्रयास के हैं, उन्हें जांच के लिए सीबीआई को भेजा जाएगा।”
अदालत ने कहा कि राज्य सभी मामलों के रिकॉर्ड जांच के लिए सीबीआई के सपुर्द करे। उन्होंने कहा,“ मामलों की जांच एक अदालत की निगरानी में होगी और किसी के द्वारा जांच के दौरान किसी भी प्रकार की बाधा पहुंचाई तो उससे गंभीरता से निपटा जाएगा।”
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अदालत ने एनएचआरसी समिति द्वारा उद्धृत अन्य सभी मामलों को जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) के पास भेज दिया। एसआईटी में तीन भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी सुमन बाला साहू, सौमन मित्रा और रणवीर कुमार इसका हिस्सा होंगे।
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कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति आई पी मुखर्जी, हरीश टंडन, सौमेन सेन और सुब्रत तालुकदार की पीठ ने तीन अलग-अलग लेकिन सहमति वाले फैसले दिए।
गत दो मई को तृणमूल कांग्रेस की सत्ता में आश्चर्यजनक वापसी के बाद राज्य में चुनाव बाद व्यापक हिंसा का आरोप लगाते हुए कई याचिकाकर्ताओं ने इस साल की शुरुआत में उच्च न्यायालय का रुख किया था। एनएचआरसी ने बंगाल में चुनाव बाद हिंसा की विभिन्न शिकायतों की जांच के लिए उच्च न्यायालय के निर्देश पर एक समिति का गठन किया था।
चुनाव बाद हिंसा पीड़ितों ने हिंसा के अपराधियों के खिलाफ हत्या, दुष्कर्म और उनकी संपत्ति को नुकसान पहुचाने के गंभीर आरोप लगाए हैं। गत 15 जुलाई को एनएचआरसी टीम ने कलकत्ता उच्च न्यायालय को अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंपी थी। पचास पृष्ठों की रिपोर्ट में में राज्य की स्थिति पर कानून के शासन के बजाय शासक के कानून करार दिया है।
अदालत में राज्य में दुष्कर्म और हत्या जैसे गंभीर अपराधों की जांच सीबीआई को सौंपने की सिफारिश की और कहा कि मामलों की सुनवाई राज्य के बाहर की जानी चाहिए।
पश्चिम बंगाल पुलिस की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता कबिल सिब्बल पेश हुए। उन्होंने न्यायालय से कहा कि एनएचआरसी की रिपोर्ट “राजनीति से प्रेरित” है और तथ्याें की जांच करने वाली समिति के कुछ सदस्यों के भाजपा से संबंध हैं।
हिंसा को रोकने में असफल रहीं ममता : भाजपा
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने राज्य में चुनाव के बाद हुई हिंसा को रोकने में असफल रही हैं और राज्य सरकार वर्दी का इस्तेमाल अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति के लिए कर रही है।
पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा को लेकर कलकत्ता उच्च न्यायालय की ओर से आए निर्देशों के बाद भाजपा के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने गुरुवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सुश्री बनर्जी राज्य में हत्या और हिंसा रोक पाने में असफल रही हैं और लोगों को इंसाफ दिलाने में भी विफल रहीं। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद भाजपा के कार्यकर्ताओं को बहुत ज़ुल्म सहने पड़े हैं।
श्री भाटिया ने उच्च न्यायालय के निर्देशों का स्वागत करते हुए कहा, “कलकत्ता उच्च न्यायालय के पांचों जजों ने एकमत से कहा है कि जिन निर्दोष लोगों ने उत्पीड़न सहा, जिनके परिजनों को मार दिया गया, जिन महिलाओं ने अस्मिता खोई है, उन्हें इंसाफ मिलना चाहिए, ये इंसाफ निष्पक्ष जांच के बाद ही संभव है।”