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मुस्लिम परिवार ने दुनियां के सबसे बड़े हिंदू मंदिर निर्माण के लिए 2.5 करोड़ की जमीन दान की

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मुस्लिम परिवार ने दुनियां के सबसे बड़े हिंदू मंदिर निर्माण के लिए 2.5 करोड़ की जमीन दान की
मुस्लिम परिवार ने दुनियां के सबसे बड़े हिंदू मंदिर निर्माण के लिए 2.5 करोड़ की जमीन दान की

पटना। बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में विराट रामायण मंदिर निर्माण के लिए एक मुस्लिम परिवार ने साम्प्रदायिक सौहार्द का अविस्मरणीय संदेश देते हुए 2.5 करोड़ रुपए मूल्य की भूमि दान में दी है। महावीर स्थान ट्रस्ट कमेटी के सचिव किशोर कुणाल ने यहां मीडिया के सामने इश्तियाक अहमद का परिचय देते हुए कहा कि उन्होंने पूर्वी चंपारण जिले के कैथवलिया मुहल्ले में विराट रामायण मंदिर निर्माण के लिए 71 डिसमिल (23 कट्ठा) भूमि निःशुल्क भेंट कर सांप्रदायिक सौहार्द की दुर्लभ मिसाल कायम की है।

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उन्होंने बताया कि 270 फुट ऊंचाई, 1080 फुट लंबाई और 540 फुट चौड़ाई वाला प्रस्तावित विराट रामायण मंदिर बन जाने के बाद दुनिया का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर होगा। श्री कुणाल ने कहा कि श्री अहमद ने स्वयं प्रस्तावित विराट रामायण मंदिर के निर्माण के लिए 71 डिसमिल भूमि उपहार में देने की पेशकश की थी। उन्होंने कहा कि यह बताते हुए उन्हें खुशी हो रही है कि श्री अहमद को भूमि दान करने के लिए राजी नहीं किया गया था बल्कि मंदिर के प्रति समर्पण के साथ उनकी ओर से प्रस्ताव आया था।

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ट्रस्ट के सचिव ने कहा कि मंदिर निर्माण के लिए कुल 125 एकड़ जमीन की जरूरत है और इसके लिए 100 एकड़ जमीन खरीदी जा चुकी है, शेष 25 एकड़ जमीन भी जल्द ही खरीद ली जाएगी। श्री कुणाल ने बताया कि श्री अहमद एक जमींदार परिवार से आते हैं, जिसके पास पूर्वी चंपारण जिले में काफी जमीन है। उन्होंने कहा कि श्री अहमद एक सफल व्यवसायी भी हैं, जिनके पास गुवाहाटी में विशाल व्यापारिक प्रतिष्ठान है। ट्रस्ट के सचिव ने कहा कि रामायण मंदिर भूकंपीय जोन-5 में आता है इसलिए इसकी स्थिरता और मजबूती के लिए सभी तकनीकी सावधानियां बरती जा रही हैं।

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उन्होंने कहा कि तकनीकी आकलन के अनुसार, मंदिर 250 वर्षों तक किसी भी क्षति से मुक्त रहेगा। इस मौके पर मौजूद श्री अहमद ने कहा कि उन्हें मंदिर निर्माण के लिए भूमि दान करने की खुशी है। जब उनसे इस फैसले के बारे में पूछा गया कि इससे सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश जाएगा तो उन्होंने कहा कि उन्होंने बस भक्ति की भावना से जमीन दान कर दी। उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने और भाईचारे की भावना से जीने की जिम्मेदारी हिंदुओं और मुसलमानों दोनों की है।

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