मात्र 58 दिनों में रुपये जुटाकर कर्ज मुक्त होकर बनाया रिकॉर्ड
भले ही कोरोना महामारी के चलते दुनिया भर की व्यापारिक कंपनियां कर्ज में डूबी हो अथवा कर्ज में डूबकर दिवालिया होकर बन्द हो गयी हो ,परंतु भारत की मुकेश अम्बानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज ने पूरी तरह अपने बलबूते पर धन जुटाकर पूरी तरह कर्ज मुक्त होने में सफलता प्राप्त कर ली है ।मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज मात्र 58 दिनों में ही 1,68,818 करोड़ रुपये जुटकार कर्जमुक्त हो गई। यह एक रिकॉर्ड है। दुनिया में कोई भी कंपनी अब तक इतने कम समय में इतनी बड़ी रकम जुटाने में अब तक कामयाब नहीं हो पाई है। इस अवधि में रिलायंस की सब्सिडियरी जियो प्लैटफॉर्म्स में वैश्विक निवेशकों की तरफ से 1,15,693.95 करोड़ रु का निवेश आया। वहीं रिलायंस ने राइट्स इश्यू के माध्यम से 53,124.20 करोड़ रु जुटाए।
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लॉकडाउन के बीच बना यह रिकॉर्ड
इतने कम समय में विश्व स्तर पर इतनी पूंजी जुटाना एक रिकॉर्ड है। भारतीय कॉर्पोरेट इतिहास के लिए भी यह अभूतपूर्व हैं। महत्वपूर्ण यह है कि फंड जुटाने का यह लक्ष्य COVID-19 महामारी के कारण हुए वैश्विक लॉकडाउन के बीच हासिल किया गया। पेट्रो-रिटेल क्षेत्र में बीपी के साथ हुए समझौते को भी इसमें जोड़ लें तो रिलायंस ने कुल 1,75,000 करोड़ रु से अधिक का फंड हासिल कर लिया है। 31 मार्च 2020 को कंपनी का नेट कर्ज 1,61,035 करोड़ रु था। इस इंवेस्टमेंट और राइट्स इश्यू के बाद कंपनी पूरी तरप ऋण मुक्त हो गई है।
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कर्ज मुक्त होने की उपलब्धि पर आभार व्यक्त करते हुए मुकेश अंबानी ने आज कहा, “31 मार्च 2021 के लक्ष्य से पहले रिलायंस को ऋण मुक्त करने का शेयरधारकों से किया अपना वादा पूरा करने पर आज मैं बेहद प्रसन्न हूं। हमारे शेयरधारकों और अन्य सभी हितधारकों की उम्मीदों पर खरा उतरना हमारे DNA में है। इसलिए रिलायंस के ऋण-मुक्त कंपनी बनने के गर्व भरे अवसर पर, मैं उन्हें आश्वस्त करना चाहता हूं कि अपने स्वर्णिम दशक में रिलायंस और भी अधिक महत्वाकांक्षी विकास लक्ष्य स्थापित करेगा और उन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए हमारे संस्थापक धीरूभाई अंबानी के उस दृष्टिकोण को पूरी तरह अपनाएगा जो भारत की समृद्धि और समावेशी विकास में हमारे योगदान को लगातार बढ़ाने का है।