- अंग्रेजी माध्यम प्राथमिक विद्यालय शिवगंज के अंशु मिस्टर पढ़ाकू और दीक्षा बनी मिस पढ़ाकू
- पढ़ाई संग कमाई मुहिम के तहत रीडिंग फेस्ट का हुआ आयोजन
औरैया। ग्रामीण परिवेश में जहां एक ओर संसाधनों की कमी तो दूसरी ओर बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत शिक्षक अपने नवाचारी गतिविधियों से बच्चों को भांति भांति तरीकों से किताबों और पढ़ाई के प्रति दिलचस्पी बढ़ाने के लिए नवाचार कर रहे हैं ।शनिवार को विकास खंड सहार के पूर्व माध्यमिक विद्यालय शिवगंज व अंग्रेजी माध्यम प्राथमिक विद्यालय शिवगंज में संयुक्त रूप से बच्चों में किताबों के प्रति दिलचस्पी और ज्ञानार्जन को बढ़ावा देने हेतु करो पढ़ाई करो कमाई मुहिम के तहत रीडिंग फेस्ट का आयोजन किया गया।
यह भी देखें : वैश्य समाज को जो देगा भागीदारी, उसी का होगा सहयोग – डॉ.सुमंत गुप्ता
इस आयोजन का नारा रीड टुडे लीड टुमारो रहा । इस फेस्ट की खास बात यह थी कि जो दिन भर विद्यालय अवधि के दौरान सबसे ज्यादा किताबें पढ़ेगा व किताबों पर अंकित मूल्य का 10 फीसदी अंक के हिसाब से सबसे ज्यादा अंक अर्जित करेगा उसे धनराशि में बदल दिया जाएगा और सर्वाधिक अंक कमाने वाला बच्चा मिस्टर पढ़ाकू व मिस पढ़ाकू के खिताब से नवाजा जाएगा। । इस मुहिम में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय में अध्ययनरत बच्चों में किताबों को पुस्तकालय से निर्गत कराने को लेकर होड़ मच गई । बच्चे उन किताबों को विद्यालय प्रांगण में कहीं भी और किसी भी तरह से बैठकर पढ़ने के लिए पूरी तरीके से आजाद थे ।
नजारा कुछ यूं था कि कोई बच्चा घास पर लेटा है तो कोई एकांत में बैठा है सब पुस्तकों में छपे सुंदर चित्र और ज्ञानवर्धक शब्दों को आत्मसात करने में जुटे थे क्योंकि किताब पढ़ने के बाद उन्हें एक साक्षात्कार जो देना था । साक्षात्कार में उसी पढ़ी गई पुस्तक से अधिकतम 10 सवाल निर्णायक शिक्षकों द्वारा पूछे गए जिनमें से क्वालीफाइंग मार्क्स न्यूनतम 7 प्रश्नों के उत्तर देने पर उनके नाम के आगे अंकित कर दिए गए । यह रीडिंग फेस्ट दोपहर 2 बजे तक चला । निर्णायक के रूप में पूर्व माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक मनीष कुमार, विक्रांत पोरवाल और अतिथि अतिथि शिक्षिका कोमल पाठक व प्राथमिक विद्यालय से अश्वनी कुमार, सतीश कुमार जी रहे ।
यह भी देखें : सुरान में वृद्धाश्रम के लिए किया गया भूमिपूजन
मिस्टर पढ़ाकू और मिस पढ़ाकू खिताब देने के दौरान बच्चों को प्रेरक उद्बोधन और पढ़ने की सतत प्रक्रिया के बारे में शिक्षकों ने अपने वक्तव्य में टिप्स दिए ।राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षक मनीष कुमार ने बच्चों में जोश भरते हुए कहा यह बिल्कुल अच्छा नहीं लगता जब जैसे नन्हे होशियार बच्चे लालच या मजबूरी में दूसरों के खेतों में अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए मजदूरी करके पैसे कमाने जाते हैं इससे कहीं ज्यादा बेहतर है कि आप विद्यालय में अधिक से अधिक किताबे पढ़कर पैसे भी कमा सकते हैं । मनीष ने बताया उनकी यह मुहिम स्वैच्छिक है और अगर प्रत्येक शिक्षक चाहे तो अपने विद्यालय में इस मुहिम को आरंभ कर सकता है । इस मुहिम में आने वाला खर्च वहीं है जो हम अपने मित्रों के साथ रोज इधर उधर या हमारे गलत शौको पर करते हैं । बच्चों के विद्यालय में ठहराव का भी सबसे बेहतर विकल्प पढ़ाई के संग कमाई है ।
यह भी देखें : देवी मंदिर से चोरों ने पार किया हजारों का सामान
बच्चों ने पूरे जोश और उत्साहित होते हुए जमकर तालियां बजाईं और अधिक से अधिक किताबें पढ़ने का संकल्प लिया । मनीष कुमार ने बताया कि इस मुहिम का उद्देश्य बच्चों बच्चों के पास मोबाइल और तकनीकी का अभाव के चलते पुस्तकों के प्रति लगाओ को बढ़ाना है । जैसे जैसे बच्चे किताबें पढ़कर ज्ञानार्जन करेंगे तो साथ ही अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए धनार्जन भी कर सकेंगे । वैसे सभी बच्चों में अधिक से अधिक पुस्तकों को पढ़ने की प्रतिस्पर्धा में भी बढ़ावा मिलेगा । मनीष कुमार ने बताया कि बच्चों से साक्षात्कार के दौरान कुछ ऐसी बातें निकल कर आई जिसमें बच्चों ने अल्प समय में अधिक से अधिक सवालों को बातों ही बातों में सुलझाया व पढ़ी गई कहानियों को सारगर्भित करते हुए उन्हें सुनाया भी । इससे बच्चों में कहानी को पढ़ने व सुनाने का कौशल विकास अर्थात संप्रेषण को बढ़ावा देने का भी एक प्रयास है । मनीष कुमार ने बताया कि यह गतिविधि निकट भविष्य में भी अनवरत जारी रहेगी और इस पर वह एक रिसर्च पेपर भी डेवलप कर रहे हैं ।