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यूपी की सियासत के बड़े चेहरे रहे एमपी के गवर्नर लालजी टंडन का निधन

गवर्नर लालजी टंडन
गवर्नर लालजी टंडन

लखनऊ। यूपी में सियासत का बड़ा चेहरा रहे लालजी टंडन का 85 साल की उम्र में मेदांता अस्पताल में मंगलवार तड़के निधन हो गया। एमपी के राज्यपाल श्री टंडन के निधन की जानकारी स्वयं उनके बेटे आशुतोष टंडन ने ट्वीट के जरिए दी।उन्होंने बताया कि अंतिम यात्रा मंगलवार सायं 4:00 बजे गुलाला घाट के लिए प्रस्थान करेगी।
राजधानी लखनऊ स्थित मेदांता अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली,उनका स्वास्थ्य काफी दिनों से खराब चल रहा था। पेशाब में परेशानी के चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उनका हालचाल लेने पिछले महीने अस्पताल पहुंचे थे।

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सोमवार शाम दोबारा बिगड़ी तबीयत

लालजी टंडन लंबी बीमारी के कारण कोमोबिर्टीज और न्यूरो मस्कुलर कमजोरी के कारण वह बाई-रेप वेंटिलेटर को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे थे। सोमवार शाम को दोबारा तबियत बिगड़ने पर उन्हें ट्रेकोस्टॉमी के माध्यम से फिर क्रिटिकल केयर वेंटिलेटर पर लिया गया है। बीच-बीच में उनकी हालत में सुधार सूचनाएं भी मिलती रही हैं। लेकिन मंगलवार तड़के सुबह इलाज के दौरान उनका अस्पताल में निधन हो गया। अस्पताल प्रशासन के अनुसार उनकी किडनी के साथ-साथ लिवर फंक्शन भी गड़बड़ा गया था।मंगलवार सुबह 5:35 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।

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लखनऊ के पार्षद बनकर शुरू किया था राजनीतिक सफर

1935 में लखनऊ में जन्मे लालजी टंडन 1958 में शादी के बंधन में बंध गए। उन्होने स्नातक तक की शिक्षा हासिल की है। उन्होंने 1960 से अपने राजनीति सफर की शुरुआत की थी। उनके पुत्र गोपाल जी टंडन इस समय यूपी सरकार में मंत्री हैं। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई की लखनऊ में राजनीतिक विरासत संभालने वाले लालजी टंडन दो बार पार्षद चुने गए और दो बार विधान परिषद के सदस्य भी रहे। लालजी टंडन को यूपी की राजनीति में कई अहम प्रयोगों के लिए भी जाना जाता है। 90 के दशक में प्रदेश में भाजपा और बसपा की गठबंधन सरकार बनाने में भी उनकी मुख्य भूमिका रही थी। इंदिरा गांधी के खिलाफ जेपी आंदोलन में भी उन्होंने बढ़-चढ़कर भागीदारी की थी।

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लखनऊ से लगातार तीन बार जीते विधानसभा चुनाव

लालजी टंडन 1978 से 1984 और 1990 से 96 तक दो बार विधान परिषद के सदस्य रहे। 1991 से 92 की यूपी सरकार में वह मंत्री भी बने। लालजी टंडन 1996 से 2009 तक लगातार तीन बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे। 1997 में फिर से वह नगर विकास मंत्री बने।

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