नई दिल्ली। संसद का मानसून सत्र आज से शुरू हो रहा है । सत्र से एक दिन पहले रविवार को सर्वदलीय बैठक की गई, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शमिल हुए। संसद के मानसून सत्र के दौरान कई विधेयकों को पारित कराने के एजेंडे के साथ सदन में जाएगी। वहीं, विपक्ष भी कोविड-19 की दूसरी लहर से निपटने के तरीके, ईंधन की कीमतों में वृद्धि और किसान आंदोलन के मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी कर रहा है।
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संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने रविवार को हुई सर्वदलीय बैठक के दौरान जानकारी दी कि इनमें से सरकार ने 29 विधेयक लाने का प्रस्ताव किया है। इसमें छह अध्यादेश हैं जो बजट सत्र के बाद पारित किए गए थे, और वित्त से संबंधित दो विधेयक हैं। जोशी ने कहा कि संसद परिसर में सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कामकाज के सुचारू संचालन और इन कानूनों को पारित करने में सभी दलों का सहयोग मांगा।
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प्रधानमंत्री का हवाला देते हुए जोशी ने बताया कि उन्होंने 19 दिवसीय मानसून सत्र की शुरूआत में स्वस्थ और सार्थक चर्चा पर जोर दिया। इस बात पर जोर देते हुए कि सांसदों को इसे शांतिपूर्ण सत्र बनाने का प्रयास करना चाहिए, प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी मुद्दों पर लोकतांत्रिक तरीके से चर्चा की जानी चाहिए और सभी दलों को सदन चलाने में सहयोग करना चाहिए।
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जोशी ने कहा, “प्रधानमंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि सरकार प्रक्रिया के तहत प्रत्येक मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। सर्वदलीय बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन, द्रमुक के तिरुचि शिवा सहित अन्य ने भाग लिया।
मॉनसून सत्र तूफानी होने की संभावना है, जिसमें विपक्ष कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति के साथ तैयार है, जिसमें पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतें और कोविड की दूसरी लहर के दौरान बुनियादी ढांचे की कमी शामिल है। विपक्ष इस आधार पर सहकारिता मंत्रालय के गठन पर आपत्ति जता सकता है कि सहकारिता राज्य का विषय है और यह कदम राज्यों के अधिकारों का उल्लंघन है। कांग्रेस और एनसीपी ने इस मुद्दे को उठाया है और इस मामले को सदन में उठाए जाने की संभावना है।
विपक्ष ने कोविड की स्थिति और तीसरी लहर के खतरे, किसानों के विरोध, सहकारी संघवाद के लिए कथित खतरे, अफगानिस्तान और चीन के साथ संबंधों सहित कई मुद्दों पर चर्चा की मांग की है। राज्यसभा और लोकसभा दोनों सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक काम करेंगे। इस सत्र के लिए 19 बैठकें निर्धारित हैं। सत्र का समापन 13 अगस्त को होगा। कोरोनोवायरस महामारी अभी भी जारी है, सत्र संसद के दोनों सदनों में आयोजित किया जाएगा, जिसमें सभी आवश्यक प्रोटोकॉल और सांसदों को सामाजिक दूरी के आधार पर समायोजित करने की व्यवस्था की जाएगी।