लखीमपुर। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में घटित भयावह कांड को कौन भुला सकता है, जिस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। लखीमपुर खीरी हिंसा में चार किसानों को एसयूवी से कुचल दिए जाने के आरोप में नौ अक्टूबर को गिरफ्तार किए गए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को अभी जेल में ही अपने रात-दिन काटने होंगे।
यह भी देखें : किसानों के मुद्दों को लेकर चन्नी की किसान नेताओं के साथ बैठक
कोर्ट ने आशीष की जमानत पर सुनवाई के लिए अगली तारीख छह जनवरी को तय की है। गौरतलब है कि पिछले 3 अक्टूबर को एक कार्यक्रम में कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर लौट रहे चार किसानों को एसयूवी कार से कुचल दिया गया था। इसके बाद भड़की हिंसा में एक पत्रकार, ड्राइवर और भाजपा कार्यकर्ता की जान गई।
यह भी देखें : सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश;अधिवक्ता सौरभ कृपाल बन सकते हैं पहले समलैंगिक न्यायाधीश
लखीमपुर हिंसा में चार किसानों और एक पत्रकार सहित कुल आठ लोग मारे गए थे। किसानों को कुचलने वाली एसयूवी के काफिले में कुल तीन कारें थीं। पता चला कि इनमें से एक कार गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे की थी। इसके पहले 29 नवंबर को सुनवाई करते हुए जस्टिस के.एस.पवार ने राज्य सरकार को 10 दिन में काउंटर ऐफीडेविट दाखिल करने का निर्देश दिया था। आशीष की जमानत इसके पहले सत्र अदालत से खारिज हो चुकी है। इसके बाद उसने हाईकोर्ट में जमानत याचिका लगाई। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में हुई सुनवाई में भी आशीष को राहत नहीं मिली।
यह भी देखें : कांग्रेस ने भाजपा को सौंपा खून ,कहा बार बार से एक बार ही खून चूस ले
आशीष की जमानत याचिका पर न्यायमूर्ति करुणेश सिंह पवार की एकल पीठ ने सुनवाई की। इस मामले में पुलिस ने केंद्रीय मंत्री आशीष सहित कुल 13 लोगों को अब तक गिरफ्तार किया है। उनके खिलाफ हत्या सहित कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है। प्रदेश सरकार ने लखीमपुर हिंसा की जांच के लिए एसआईटी गठित की है। एसआईटी ने मंत्री के बेटे सहित 12 अन्य आरोपियों की पहचान की थी। सभी को गिरफ्तार कर लिया गया था। तबसे आशीष सहित सभी 13 आरोपी जेल में हैं।