बेहतर कल के लिए जल और पर्यावरण का संरक्षण आवश्यक
औरैया। भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय से वाटर हीरो अवार्ड से सम्मानित टीम वारि टोली के सदस्य सचिन कश्यप, सौरभ कश्यप, नितिन कुमार, दिलीप कुशवाहा, हरितोष कुमार और अमित कुमार की मुहिम 22 मार्च 2021 से जारी है। टीम का कहना है कि हमें अपने बेहतर भविष्य के लिए जल संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण पर पुत्रवत संरक्षण देने की आवश्यकता है। चौपाल कार्यक्रम के जरिए आम लोगों तक जल संरक्षण के प्रति जागरूकता लाने वाली टीम वारि टोली के सदस्य सचिन कश्यप का कहना है कि हमारे जीवन को पोषित करने वाले कारकों में से एक कारक जल है जो हमें एक नई स्फूर्ति से भर देता है। लेकिन पानी की बर्बादी आज एक गम्भीर समस्या बनती जा रही है।
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आज लगभग हर घर में समर्सिविल पम्प के माध्यम से जमीन से पानी निकालकर जरूरत से ज्यादा हम उसका उपयोग करने लगे हैं। लेकिन हम यह भूल जाते हैं कि पानी को बनाया नहीं जा सकता केवल बचाया जा सकता है। जमीन के अंदर आखिर हम कितने अंदर तक खुदाई करके पानी को प्राप्त करते रहेंगे, उसकी भी एक सीमा है और उस सीमा के बाद हमारी वही स्थिति होने वाली है जो दक्षिण अफ्रीका के शहर कैपटाउन की है जहां भूमिगत जल पूर्णतया समाप्त हो गया है। हमें अपने सामाजिक कर्तव्य एवं व्यक्तिगत स्वतंत्रता के बीच संतुलन बनाना होगा। हम जल की बचत एवं उसके सदुपयोग की एक छोटी सी आदत को अपनाकर अपने कल को सुरक्षित कर सकते हैं।
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कई लोग जल संरक्षण के बारे में सोचते जरूर है लेकिन वो सोचने तक ही सीमित रहते हैं। यदि हमें जल के दुरुपयोग से बढ़ रही समस्याओं से बाहर आना है तो अपने विचारों को अपने कार्य व्यवहार में लाने की आवश्यकता है। जब तक हमारे विचार और व्यवहार का सुव्यवस्थित तालमेल नहीं होगा तब तक ऐसी ही अनेकों समस्याएं हमारे जीवन में अपनी जड़ें जमाती रहेंगी। इसलिए हमें जल संरक्षण की अवधारणा को समझना होगा एवं इससे जुड़ी जानकारी को आत्मसात करके अपने मित्रों, संबंधी, परिवारजनों आदि लोगों के साथ साझा करके अमल में लाने के लिए प्रेरित करना होगा।
हमारी पृथ्वी पर 71 प्रतिशत जल है, इसमें से भी केवल तीन प्रतिशत जल को पीने में उपयोग किया जा सकता है, लेकिन पूरा विश्व मात्र एक प्रतिशत जल को ही उपयोग में ला सकता है क्योंकि बाकी 2 प्रतिशत जल पहाड़ों पर बर्फ एवं वायुमंडल में जलवाष्प के रूप में है। इसलिए आज और अभी से हम लोगों को जल संरक्षण के लिए संकल्पबद्ध होना होगा।