- मिला निमंत्रण ,स्वामी हरिहरानंद एक दर्जन बड़ी सेवा औऱ शिक्षण संस्थाओं के है प्रमुख
- विहिप और संघ में शीर्ष दायित्वों का कर रहे है निर्वाहन
मैनपुरी /अमरकंटक : दैवीय सम्पद मंडल के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी हरिहरानंद सरस्वती भी आगामी 5 अगस्त को अयोध्या में प्रस्तावित श्रीराम मंदिर के भूमि पूजन में शामिल होने के लिये जाएँगे । इस भूमिपूजन में देश के मात्र 200 ही अतिमहत्वपूर्ण लोगों को बुलाया जा रहा है । कार्यक्रम में पीएम मोदी ,सीएम योगी पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, उमा भारती सहित कई दिग्गज शामिल हो रहे है । ऐसे में स्वामी हरिहरानंद जी को निमंत्रण मिलना काफी अहम माना जा रहा है ।स्वामी हरिहरानन्द को पूर्व की शिवराज सरकार ने मनोनीत राज्य मंत्री बनाया था, परंतु अपनी सन्यास वृत्ति के चलते उन्होंने मंत्री बनना स्वीकार नहीं किया था । तब उन्होंने विनम्रता से मंत्री पद को ठुकरा दिया था ।
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हरिद्वार , ऋषिकेश और पुरी से साहित्य , व्याकरण और वेदांत में शिक्षा ग्रहण करने के बाद वह राजस्थान के एक सरकारी गर्ल्स स्कूल में प्रिंसिपल बने ,लेकिन उनका वहाँ मन नही लगा और उन्होंने वहाँ से त्यागपत्र देकर दैवीय सम्पद मंडल के प्रमख पीठाधीश्वर स्वामी डॉ शारदानन्द सरस्वती महाराज से गुरु दीक्षा ली । स्वामी हरिहरानन्द की सेवा, त्याग औऱ योग्यता को देखते हुए स्वामी शारदानन्द जी ने स्वामी हरिहरानन्द को दैवीय सम्पद मंडल का पीठाधीश्वर और उत्तराधिकारी बना दिया । दैवीय सम्पद के देश भर में लगभग एक सैकड़ा आश्रम है जिनमें मैनपुरी ,फिरोजाबाद, अमरकंटक, ऋषिकेश प्रयागराज अबोहर पंजाब के आश्रम प्रमुख है ।
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स्वामी हरिहरानन्द के सरंक्षण में इन आश्रमों में नेत्र चिकित्सालय, संस्कृत महाविद्यालय,कई इंटर कॉलेज और गुरुकुल संचालित हो रहे है । अमरकंटक के मृत्युंजय आश्रम में आदिवासियों के कई सेवा कार्य चलाये जा रहे है जैसे आदिवासी कन्याओं के सामूहिक शादी प्रतिवर्ष करवाना,आदिवासियों किशोर और किशोरियों को शिक्षित कर रोजगार दिलवाना तथा उनके भोजन वस्त्र का प्रबंध करना आदि । स्वामी हरिहरानन्द महानिर्वाणी अखाड़ा के महामंडलेश्वर है । वे इस समय विश्व हिंदू परिषद के उच्चाधिकार समिति और सरंक्षक मंडल के सम्मानित सदस्य है और साथ ही आरएसएस के अनुषांगिक संगठन धर्म जागरण विभाग के केंद्रीय समिति के सम्मानित सदस्य है । इसके अलावा भारतीय संत सभा के कार्यकारी अध्यक्ष भी है ।