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स्वच्छता, सुरक्षा और सुविधा का मानक होगा महाकुंभ 2025: योगी

स्वच्छता, सुरक्षा और सुविधा का मानक होगा महाकुंभ 2025: योगी

स्वच्छता, सुरक्षा और सुविधा का मानक होगा महाकुंभ 2025: योगी

लखनऊ । अगले साल संगम नगरी प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ की तैयारियों पर पैनी नजर बनाये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि महाकुंभ विश्व को सनातन भारतीय संस्कृति से साक्षात्कार कराने का सुअवसर होगा और यह स्वच्छता, सुरक्षा और सुविधा का मानक सिद्ध होगा।योगी ने यहां महाकुंभ की तैयारियों की समीक्षा करते हुये कहा कि पूरी दुनिया प्रयागराज महाकुंभ की बेसब्री से प्रतीक्षा कर रही है। उन्होने कहा कि वर्ष 2019 में कुंभ का सफल आयोजन कर यूपी ने मानक स्थापित किया, इस बार लोगों की अपेक्षाएं हमसे और अधिक हैं।

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उन्होने अधिकारियों को निर्देश देते हुये कहा कि 12 वर्षों के अंतराल पर आगामी वर्ष 2025 में प्रयागराज में त्रिवेणी तट पर महाकुंभ का पावन अवसर आने वाला है। मानवता की इस अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर का अनुभव करने को पूरी दुनिया उत्सुक है। आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में हम सबने वर्ष 2019 में कुंभ का सफल आयोजन कर एक मानक स्थापित किया है। इस बार लोगों की अपेक्षाएं हमसे और अधिक हैं। आम जन की आस्था, अपेक्षा और आकांक्षा का ध्यान रखते हुए महाकुंभ की गरिमा और महत्ता के अनुरूप आयोजन होना चाहिए। एक बार पुनः हमें बेहतर टीमवर्क के साथ कार्य करके दिखाना होगा।

योगी ने कहा कि 13 जनवरी 2025 से 26 फरवरी 2025 तक महाकुंभ मेला प्रस्तावित है। संतों, स्नानार्थियों, कल्पवासियों, श्रद्धालुओं, पर्यटकों आदि की सुविधा के दृष्टिगत वर्ष 2019 के सापेक्ष महाकुंभ 2025 विशाल परिसर में आयोजित होगा। पिछली बार जहां 3200 हेक्टेयर में मेला फैला था, इस बार 4000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में इसका विस्तार किया जा रहा है। ऐसे में पार्किंग, पांटून पुल की संख्या, घाटों की संख्या, स्ट्रीट लाइट, शौचालय आदि की संख्या को आवश्यकतानुसार और अधिक बढ़ाया जाना चाहिए।

उन्होने कहा कि 13 जनवरी 2025 से 26 फरवरी 2025 तक के 45 दिवसों के भीतर पौष पूर्णिमा, मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी, माघी पूर्णिमा और महाशिवरात्रि प्रमुख स्नान तिथियां होंगी। महाकुंभ में दैनिक श्रद्धालुओं/पर्यटकों के अतिरिक्त कल्पवासियों की उपस्थिति भी होगी। उनकी सुरक्षा, सुविधा और आवश्यकताओं के अनुरूप यथोचित व्यवस्था की जाए।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि कुशल प्रबंधन में ट्रैफिक और पार्किंग महत्वपूर्ण विषय है। मेलाक्षेत्र और प्रयागराज नगर में इन दोनों पर बेहतर कार्ययोजना बनाएं। प्रयास हो कि मेलाक्षेत्र में कोई भी पार्किंग संगम से पांच5 किमी से अधिक दूर न हो। प्रयागराज में सात रिवर फ्रंट रोड, 14 आरओबी और सात पुराने घाटों के सौंदर्यीकरण का कार्य किया जा रहा है। छह लेन सेतु का निर्माण भी जारी है। यह सभी कार्य प्रत्येक दशा में अक्टूबर तक पूरा कर लिया जाए। जिन विभागों द्वारा कार्य किया जा रहा है, वह इसकी लगातार मॉनीटरिंग करें, गुणवत्ता की परख करें और समय-सीमा के भीतर कार्य पूरा कराएं।

उन्होने कहा कि प्रयागराज विकास प्राधिकरण द्वारा अतिक्रमण विरोधी अभियान सतत जारी रखें। सड़कों का चौड़ीकरण, सौंदर्यीकरण का कार्य समय से पूरा कराया जाए। रोड साइड फ़साड डेवलपमेंट का कार्य सितम्बर तक पूरा करा लिया जाए। पर्यटकों की सुविधा के लिए मेलाक्षेत्र तक सुगमतापूर्वक आवागमन के लिए रोड, रेल और एयर की बेहतरीन कनेक्टिविटी होनी आवश्यक है। परिवहन विभाग द्वारा 7000 से अधिक बसों की व्यवस्था कराई जाए। नगर विकास विभाग द्वारा अधिकाधिक ईवी शटल बसों की उपलब्धता कराई जाए। एयरपोर्ट के नवीन टर्मिनल का निर्माण कार्य अक्टूबर तक पूरा करा लें। व्यवस्था ऐसी हो जिससे एयरपोर्ट से मेलाक्षेत्र तक पहुंचने में 30 से 40 मिनट से अधिक समय न लगे।

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योगी ने कहा कि महाकुंभ भारत की प्राचीन संस्कृति का परिचायक है। इसकी गरिमा के अनुरूप पूरे नगर को सजाया जाना चाहिए। कुंभ से जुड़े कथानक, सनातन संस्कृति के प्रतीकों आदि को चित्रित किया जाए। चौराहों पर कुंभ के लोगो लगाए जाने चाहिए। थीम आधारित द्वार, स्तम्भ, लाइटिंग के प्रयास होने चाहिए। प्रयागराज कुंभ 2019 की स्वच्छता ने हर आगंतुक को प्रभावित किया था। इस बार हमें ऐसे प्रयास करने की आवश्यकता है। महाकुंभ 2025 प्रतिबंधित पॉलिथीन मुक्त हो, इसके लिए संकल्पित होकर जनसहयोग के साथ कार्य करना होगा। प्रयागराज का हर एक वार्ड-हर एक मोहल्ला स्वच्छ हो, इसके लिए मोहल्ला स्वच्छता समिति गठित करायें। अभी से प्रयास प्रारंभ कर दें। जनजागृति बढ़ाएं। मेला क्षेत्र सहित पूरा प्रयागराज स्वच्छता का मॉडल बनकर प्रतिष्ठित हो, इसके लिए हर किसी को योगदान करना होगा। प्रयागराज नगर को जोड़ने वाली मुख्य सड़कों पर ट्री गार्ड सहित पौधे लगाए जाएं। ग्रीन प्रयागराज-ग्रीन महाकुंभ का लक्ष्य लेकर कार्य किया जाना चाहिए।

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