सूरत। परियोजना निर्माण, उच्च प्रौद्योगिकी विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्र में भारत की अग्रणी बहुराष्ट्रीय कंपनी लार्सन एंड टूब्रो (एल एंड टी) ने गुजरात के हजीरा स्थित अपने ए एम नाइक हैवी इंजीनियरिंग कॉम्पलेक्स में ग्रीन हाइड्रोजन संयंत्र शुरु करने की शनिवार को घोषणा की। यह प्लांट रोजाना 45 किलोग्राम ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादित करेगा, जिसका उपयोग एल एंड टी के हाज़िरा मैन्युफैक्चरिंग कॉम्पलेक्स में कैप्टिव कंज़म्शन हेतु किया जाएगा। कंपनी की एक विज्ञप्ति के अनुसार इसका उद्घाटन इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के चेयरमैन श्रीकांत माधव वैद्य ने किया।
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ऐल्कलाइन इलेक्ट्रोलाइसिस प्रोसैस पर आधारित इस ग्रीन हाइड्रोजन संयंत्र में आज से उत्पादन शुरू हो गया है। बयान में कहा गया है कि इस संयंत्र को 800 किलोवाट की इलेक्ट्रोलाइज़र क्षमता के लिए डिजाइन किया गया है जिसमें ऐल्कलाइन (380 किलोवाट) और पीईएम (420 किलोवाट) की तकनीकें शामिल हैं तथा इसे 990 किलोवाट क्षमता के छत पर बने सौर ऊर्जा संयंत्र से बिजली मिलेगी और साथ ही 500 किलोवाट क्षमता की बैटरी विद्यत स्टोरेज प्रणाली (बीईएसएस) भी लगायी गयी है। परियोजना के के प्रथम चरण के तहत 380 किलोवाट ऐल्कलाइन इलेक्ट्रोलाइज़र को इंस्टॉल किया गया है, जबकि 420 किलोवाट पीईएम इलेक्ट्रो लाइज़र भावी विस्तार का हिस्सा होगा।
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एल एंड टी के पूर्णकालिक निदेशक सुब्रमनियन सरमा ने कहा, “ भविष्य की ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति में योगदान देने के लिए नए और स्वस्थ समाधान मुहैया कराने में एल एंड टी अग्रिम मोर्चे पर रहती है। हमें गर्व है की हाज़िरा कॉम्पलेक्स में हमारे इंजीनियरों ने यह ग्रीन हाइड्रोजन जैनरेशन प्लांट स्थापित किया है और ग्रीन हाइड्रोजन के इस्तेमाल के लिए इसे मौजूदा मैन्युफैक्चरिंग शॉप्स के साथ जोड़ दिया गया है। ”