नई दिल्ली। सड़क दुर्घटना में दिवंगत हुए व्यक्ति के परिजनों की सहृदयता और दिल्ली के फोर्टिस अस्पताल, वसंत कुंज के चिकित्सकों की तत्परता से दुर्घटना में मृत एक व्यक्ति के अंगों को तीन जरूरतमंदों को तीन-तीन अलग-अलग अस्पतालों में आनन-फानन में प्रत्यारोपित करके उनको नया जीवन दिया गया है। दुर्घटना में दिवंगत हुए एक 32 वर्षीय व्यक्ति को 25 फरवरी को काफी नाजुक हालत में फोर्टिस हॉस्पिटल, वसंत कुंज लाया गया, सीटी जांच से पता चला कि उनके मस्तिष्क को गहरा आघात पहुंचा है। डॉक्टरों की टीम के भरसक प्रयास के बावजूद उसे मंगलवार को ‘ब्रेन डेड’ घोषित करना पड़ा।
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मृत व्यक्ति के परिजनों को फोर्टिस अस्पताल के डाक्टरों ने उसके अंगदान की सलाह दी जिस पर दु:ख की इस घड़ी में भी दुखी परिजनों ने बड़े दिल का परिचय देते हुए अपने ब्रेन डेड घोषित परिजन के हृदय, जिगर और गुर्दे दान करने के लिए तैयार हो गये। इन अंगों को उन मरीज़ों को दिया गया जिन्हें प्रत्यारोपण की जरूरत थी। दान किए गए अंगों को फोर्टिस हॉस्पिटल वसंत कुंज से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान तक पहुंचाने के लिए एक ग्रीन कॉरीडॉर बनाया गया और 10 किलोमीटर की इस दूरी को महज़ 11 मिनट में तय किया गया। मृत व्यक्ति के हृदय को एम्स में एक मरीज़ को लगाया गया जबकि लिवर एक अन्य मरीज़ को प्रत्यारोपित किया गया जो दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में भर्ती थे। गुर्दे जिस मरीज़ को लगाए गए वह मैक्स अस्पताल, शालीमार बाग में भर्ती थे।
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फोर्टिस अस्पताल, वसंत कुंज के निदेशक एवं प्रमुख (क्रिटिकल केयर) डॉ गौरी शंकर शर्मा ने कहा, “मैं मृत व्यक्ति के परिजनों के प्रति आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने अन्य मरीजों की जरूरत काे समझा और अपने परिजन के अंगदान का फैसला कर तीन मरीज़ों को नया जीवन दिया। इस पूरी प्रक्रिया को समयबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया जिसमें दिल्ली ट्रैफिक पुलिस और अन्य कई टीमों की मदद ली गई। ”
उन्होंने कहा कि इस घटना से प्रेरणा लेकर और लोगों को भी अंग दान के लिए अपने को पंजीकृत करवाना चाहिए ताकि अधिकाधिक लोगों का जीवन बचाया जा सके।