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गोर्वधन पूजा व बाल लीलाओं का वर्णन सुन श्रोता हुए भावविभोर

गोर्वधन पूजा व बाल लीलाओं का वर्णन सुन श्रोता हुए भावविभोर

अयाना। क्षेत्र के ग्राम खोड़ जुहीखा में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में आचार्य श्यामजी द्विवेदी ने गोवर्धन लीला के साथ भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का प्रसंग सुनाया। श्रद्धालु भगवान श्री कृष्ण के नामकरण और पूतना वध के साथ माखनचोरी की लीलाओं का वर्णन सुनकर मंत्रमुग्ध हो गए।
आचार्य ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी लीलाओं से जहां कंस के भेजे विभिन्न राक्षसों का संहार किया, वहीं ब्रज के लोगों को अपने प्रेम आनंद प्रदान किया। गोवर्धन पूजा का वर्णन करते हुए बताया गया कि इंद्र को अपनी सत्ता और शक्ति पर घमंड हो गया था।

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उसका गर्व दूर करने के लिए भगवान ने ब्रज मंडल में इंद्र की पूजा बंद कर गोवर्धन की पूजा शुरू करा दी। इससे गुस्साए इंद्र ने ब्रज मंडल पर भारी बरसात कराई। प्रलय से लोगों को बचाने के लिए भगवान ने कनिष्ठा उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठा लिया। सात दिनों के बाद इंद्र को अपनी भूल का एहसास हुआ। इस मौके पर गोवर्धन लीला की झांकी भी सजाई गई। कथा के दौरान गोवर्धन पूजन का उत्सव उल्लास के साथ मनाया गया। इस दौरान पारिक्षित राम शंकर बघेल.मौजूद रहे।

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