लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने आकाशीय बिजली जैसी दैवीय आपदा से होने वाली जनहानि से हरसंभव बचाव के लिये तकनीक की मदद से समय रहते इसके सटीक पूर्वानुमान का पता लगाकर लाइटनिंग सेफ्टी प्रोग्राम लागू करने की पहल की है। इसके लिये याेगी सरकार मौसम विभाग के तकनीकी सहयोग से ऐसा सिस्टम विकसित करने पर जोर दे रही है जिससे आकाशीय बिजली का भी समय रहते सटीक अनुमान लगाकर लोगों को अलर्ट कर उन्हें क्षति से बचाया जा सके। सरकार की ओर से गुरुवार को दी गयी जानकारी के अनुसार आकाशीय बिजली से बचाव के संबंध में देश के वैज्ञानिकों द्वारा तैयार की गई तकनीक उपलब्ध है। सरकार का मानना है कि इस तकनीक का उपयोग कर आकाशीय बिजली की आशंका वाले क्षेत्रों के नागरिकों को पहले से सतर्क कर उनकी जीवन रक्षा की जा सकती है। इसी तकनीकी के तहत ‘दामिनी ऐप’ विकसित किया गया है। सरकार इस मोबाइल ऐप के प्रति लगातार लोगों को जागरूक कर रही है। इससे समय रहते लोगों को क्षेत्रवार आकाशीय बिजली गिरने के बारे में जानकारी मिल जाएगी और लोग उन स्थानों पर खुद जाने से और पशुओं को जाने देने से बचेंगे।
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साथ ही वहां कोई सामान होने की दशा में उसे समय रहते अन्यत्र हटा देंगे। इस दिशा में सरकार आकाशीय बिजली के लिए ‘लाइटनिंग सेफ्टी प्रोग्राम’ का क्रियान्वयन करने जा रही है। इसी क्रम में जिला स्तरीय इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटरों का सुदृढ़ीकरण करने की कार्ययोजना पर भी काम चल रहा है। इसके साथ ही आकाशीय बिजली से बचाव के तरीकों के प्रचार-प्रसार पर भी ध्यान देकर हानि को रोका जाएगा। सरकार की ओर बारिश के मौसम में आकाशीय बिजली जैसी घटनाओं से बचने के लिये लोगों खासकर ग्रामीण इलाकों के लोगाें को जरूरी सुरक्षा उपायों से अवगत कराया जा रहा है। लोगों को जागरुक करने के क्रम में बताया जा रहा है कि आकाशीय बिजली से बचाव के लिये बज्रपात की आशंका वाले क्षेत्रों में पेड़ के नीचे न खड़े हों, बिजली के खंभों से दूर रहें, धात्विक वस्तुओं से भी दूरी बनाए रखें, विद्युत उपकरणों, मोबाइल व टेलीफोन का खुले में उपयोग न करें, नदी, तालाब-पोखरे में तैर या नहा रहे हैं तो उससे निकल कर भूमि पर आ जाएं।
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इस तरह की घटनाओं में लोगों की मदद के लिये योगी सरकार ने आपदा मित्र एवं आपदा सखी योजना को भी कारगर तरीके से लागू करने का निर्देश दिया है। इसमें प्रशिक्षित आपदा मित्र और आपदा सखियों को बचाव के उपकरण व सेफ्टी किट से लैस किया जाएगा, ताकि किसी भी आपदा से निपट सकें। इस योजना के तहत स्वयं सहायता समूह की 10 लाख महिलाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। साथ ही आपदा प्रबंधन हेल्पलाइन 1070 को 112 हेल्पलाइन से इंट्रीग्रेटेड भी किया जाएगा। सरकार का दावा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर आकाशीय बिजली, तूफान व अन्य आपदा में पीड़ितों को 24 घंटे के भीतर अनुग्रह सहायता राशि उपलब्ध करायी जाती है। आपदा आने पर इसकी मॉनिटरिंग वह खुद करते हैं। सरकार की तरफ से अधिसूचित आपदा (आंधी-तूफान, आकाशीय बिजली, अतिवृष्टि, डूबने आदि) से होने वाली जनहानि, धनहानि व पशुहानि आदि में राज्य आपदा मोचक निधि से अनुग्रह सहायता दी जाती है। इसके अंतर्गत अधिसूचित आपदा से मृत्यु की दशा में प्रति मृतक चार लाख रुपये, शारीरिक अक्षमता (40 प्रतिशत से 60 प्रतिशत तक) पर प्रति व्यक्ति 59,100 रुपये, 60 प्रतिशत से अधिक शारीरिक अक्षमता होने पर प्रति व्यक्ति दो लाख रुपये, गंभीर चोट से एक सप्ताह से अधिक समय तक अस्पताल में भर्ती होने तक प्रति व्यक्ति 12700 रुपये और एक सप्ताह से कम अस्पताल में भर्ती होने पर प्रति व्यक्ति 4300 रुपये अनुग्रह राशि देने का प्रावधान है।