शामली । उत्तर प्रदेश में शामली जिले की एक अदालत ने मां-बेटी की हत्या के आरोप में दोष सिद्ध होने पर पूर्व जिला पंचायत सदस्य को उम्रकैद और 15 हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनायी है। एडीजे सुरेन्द्र कुमार की अदालत ने शनिवार को शामली के वार्ड संख्या-07 से जिला पंचायत सदस्य रहे डॉक्टर सुधीर को माँ-बेटी की हत्या के आरोप में दोषी करार देते हुए यह सजा सुनाई है। डॉ सुधीर ने प्रेम-प्रसंग के चलते करीब साढ़े चार वर्ष पूर्व अपने साथी के साथ मिलकर सनसनीखेज दोहरे हत्याकांड को अंजाम दिया था। हत्याकांड के दूसरे आरोपी सुनील की कोरोना काल में मौत हो चुकी है। जिला शासकीय अधिवक्ता(फौजदारी) संजय चौहान एवं सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता(अपराध) सतेंद्र धीरयान व संजय पूनिया ने बताया कि तीन जनवरी 2019 को बिड़ौली हरिनगर निवासी सतेंद्र उर्फ डब्बू ने झिंझाना थाने पर अज्ञात के विरुद्ध अपनी चाची कमला व चचेरी बहन सोनू की हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस तफ्तीश में क्षेत्र के गांव मछरौली निवासी डॉक्टर सुधीर व उसके साथी सुनील निवासी ग्राम किरठल थाना रमाला जनपद बागपत के नाम प्रकाश में आये थे।
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सुधीर उस वक्त जनपद शामली के वार्ड संख्या-07 से जिला पंचायत सदस्य था। पुलिस ने दोनों हत्यारोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। तभी से ही हत्यारोपी सुधीर जिला कारागार मुजफ्फरनगर में बंद है, जबकि उसके साथी सुनील की कोरोना काल में मौत हो चुकी है। विवेचक ने मामले की जांच करके आरोप-पत्र न्यायालय में दाखिल किया था। यह मामला कैराना स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुरेन्द्र कुमार की अदालत में विचाराधीन था। अभियोजन पक्ष की ओर से दस गवाह न्यायालय के समक्ष पेश किए गए। शनिवार को एडीजे सुरेन्द्र कुमार ने पत्रावलियों के अवलोकन करने तथा दोनों पक्षों के वरिष्ठ अधिवक्ताओं के तर्क-वितर्क सुनने के पश्चात आरोपी डॉक्टर सुधीर को माँ-बेटी की हत्या का दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास व 15 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। कोर्ट ने जुर्माना अदा न करने पर दोषी को एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतने के निर्देश दिए है।उत्तर प्रदेश में शामली जिले की एक अदालत ने मां-बेटी की हत्या के आरोप में दोष सिद्ध होने पर पूर्व जिला पंचायत सदस्य को उम्रकैद और 15 हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनायी है।
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एडीजे सुरेन्द्र कुमार की अदालत ने शनिवार को शामली के वार्ड संख्या-07 से जिला पंचायत सदस्य रहे डॉक्टर सुधीर को माँ-बेटी की हत्या के आरोप में दोषी करार देते हुए यह सजा सुनाई है। डॉ सुधीर ने प्रेम-प्रसंग के चलते करीब साढ़े चार वर्ष पूर्व अपने साथी के साथ मिलकर सनसनीखेज दोहरे हत्याकांड को अंजाम दिया था। हत्याकांड के दूसरे आरोपी सुनील की कोरोना काल में मौत हो चुकी है। जिला शासकीय अधिवक्ता(फौजदारी) संजय चौहान एवं सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता(अपराध) सतेंद्र धीरयान व संजय पूनिया ने बताया कि तीन जनवरी 2019 को बिड़ौली हरिनगर निवासी सतेंद्र उर्फ डब्बू ने झिंझाना थाने पर अज्ञात के विरुद्ध अपनी चाची कमला व चचेरी बहन सोनू की हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस तफ्तीश में क्षेत्र के गांव मछरौली निवासी डॉक्टर सुधीर व उसके साथी सुनील निवासी ग्राम किरठल थाना रमाला जनपद बागपत के नाम प्रकाश में आये थे।
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सुधीर उस वक्त जनपद शामली के वार्ड संख्या-07 से जिला पंचायत सदस्य था। पुलिस ने दोनों हत्यारोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। तभी से ही हत्यारोपी सुधीर जिला कारागार मुजफ्फरनगर में बंद है, जबकि उसके साथी सुनील की कोरोना काल में मौत हो चुकी है। विवेचक ने मामले की जांच करके आरोप-पत्र न्यायालय में दाखिल किया था। यह मामला कैराना स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुरेन्द्र कुमार की अदालत में विचाराधीन था। अभियोजन पक्ष की ओर से दस गवाह न्यायालय के समक्ष पेश किए गए। शनिवार को एडीजे सुरेन्द्र कुमार ने पत्रावलियों के अवलोकन करने तथा दोनों पक्षों के वरिष्ठ अधिवक्ताओं के तर्क-वितर्क सुनने के पश्चात आरोपी डॉक्टर सुधीर को माँ-बेटी की हत्या का दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास व 15 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। कोर्ट ने जुर्माना अदा न करने पर दोषी को एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतने के निर्देश दिए है।