- साढ़े 7 साल पहले रिश्तेदार ने ही कर लिया था 10 वर्षीय बच्चे का अपहरण, बाद में चाकुओं से गोदकर कर दी थी हत्या
- औरैया के एरवाकटरा क्षेत्र का मामला ,सत्र न्यायाधीश ने सुनाई सजा
औरैया। सत्र न्यायाधीश डॉ दीपक स्वरूप सक्सेना ने करीब साढ़े 7 वर्ष पूर्व थाना एरवाकटरा क्षेत्र के ग्राम नगरिया समायन से अपने रिश्तेदार के 10 वर्षीय बालक राजा बाबू का अपहरण कर उसकी चाकू से गोदकर हत्या करने के दोषी नरेश पुत्र शिवकरण निवासी निवाड़ी कला बकेवर जिला इटावा को आजीवन कारावास तथा 40 हजार रुपए अर्थदंड की सजा से दंडित किया है।
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मामले की अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे जिला शासकीय अधिवक्ता अभिषेक मिश्र ने बताया कि ग्राम नगरिया समयान निवासी वादिनी उषा देवी पत्नी अनिल कुमार दोहरे ने एरवा कटरा थाने में रिपोर्ट लिखाई थी कि उसका रिश्ते में भांजा लगने वाला नरेश पुत्र शिवकरण निवासी निवाड़ी कला थाना बकेवर जनपद इटावा दिनांक 20 जनवरी 2013 की शाम घर आया। वह घर पर 2 दिन तक रहा, दिनांक 22 जनवरी 2013 को उसका 10 वर्षीय पुत्र राजा बाबू गांव के बाहर साइकिल सीख रहा था। अचानक वह गायब हो गया।
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पता चला कि नरेश ने बहला-फुसलाकर बालक का अपहरण किया। नरेश को साइकिल से उक्त बालक को ले जाते कई लोगों ने देखा। 3 दिन बाद 25 जनवरी 2013 को अजीतमल थाना क्षेत्र के एक खेत से गायब बालक राजा बाबू की लाश बरामद हुई।तहकीकात करने पर पता चला कि नरेश ने उक्त बालक राजा बाबू की चाकू से गोदकर हत्या कर दी थी। हत्या क्यों की गई, इस बात का खुलासा नहीं हो सका। हत्या व अपहरण के मामले में नरेश के विरुद्ध सत्र न्यायालय में मुकदमा चला।अभियोजन की ओर से डीजीसी अभिषेक मिश्रा ने इस जघन्य हत्या के दोषी नरेश को कठोर दंड देने की मांग की।
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वहीं बचाव पक्ष ने उसे निर्दोष बताया।दोनों पक्षों को सुनने के बाद सत्र न्यायाधीश डॉ दीपक स्वरूप सक्सेना ने हत्या के दोषी नरेश को आजीवन कारावास व 40000 रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई।अधिवक्ता शिवम शर्मा ने बताया कि कोर्ट ने अर्थदंड की राशि का 50% भाग वादिनी को बतौर प्रति कर अदा करने का आदेश जारी किया। कोविड-19 के कारण अभियुक्त नरेश की पेशी सजा सुनाने के समय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई।
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