औरैया हादसे में मृत प्रवासी श्रमिकों के शवों को धर्म पहुंचाने के लिए वाहनों पर लगाई गई थी ड्यूटी
औरैया। शुक्रवार रात औरैया में हुए सड़क हादसे में जान गवाने वाले फरीदाबाद और राजस्थान से अपने गृह राज्यों को लौट रहे प्रवासी श्रमिकों के शवों को प्रोटोकॉल के तहत उनके घर तक पहुंचाने के लिए लगाई गई ड्यूटी में लापरवाही सामने आने पर औरैया के 5 लेखपालों को सोमवार को निलंबित कर दिया गया। प्रशासन की इस कार्यवाही को शवों के साथ घायलों को एक ही वाहन से भेजने की तस्वीर वायरल होने के मामले से जोड़कर देखी जा रही है। नेशनल हाईवे पर औरैया के निकट हुए
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इस हादसे में डीसीएम व ट्राला की भिड़ंत में दोनों वाहनों पर सवार 27 प्रवासी श्रमिकों की मौत हुई है जबकि तीन दर्जन लोग हादसे में घायल हुए हैं। गंभीर घायल दो दर्जन लोगों का सैफई व अन्य अस्पतालों में उपचार चल रहा है। सबों को उनके घर तक पहुंचाने के मामले में लापरवाही सामने आने पर जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने जांच के आदेश दिए। औरैया के तहसीलदार ने जांच आख्या दी। इसमें कहा गया कि जिन लेखपालों की ड्यूटी 100 को ले जाने वाले वाहन के साथ लगाई गई थी उनमें से 5 लेखपालों ने आदेश का अनुपालन नहीं किया। लेखपाल ना तो ड्यूटी स्थल पर पहुंचे और न ही फोन रिसीव किया, यहां तक कि लेखपालों ने फोन स्विच ऑफ कर लिए। इस पर उपजिलाधिकारी औरैया विजेता ने महतेपुर औरैया के लेखपाल भूपेंद्र पाल, फफूंद क्षेत्र के लेखपाल शशीकांत, फतेहपुर बेनी के लेखपाल अंकित अग्रवाल, इंगुठिया के लेखपाल मिस्टर राकी तथा निगड़ा के लेखपाल ललित प्रताप को निलंबित कर दिया। उप जिलाधिकारी ने अपने आदेश में कहा है लेखपालों की लापरवाही महामारी अधिनियम में दंडनीय अपराध के अंतर्गत आती है इससे न केवल तहसील प्रशासन की छवि धूमिल हुई है बल्कि तत्समय विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ा है।बता दें कि औरैया हादसे में स्थानीय प्रशासन द्वारा बॉर्डर चेक पोस्ट पर ड्यूटी में लापरवाही सामने आने पर एक दरोगा समेत आठ पुलिसकर्मियों को निलंबित किए जाने के बाद लेखपालों पर हुई कार्यवाही दूसरी बड़ी कार्यवाही है।