मंगलूरु। आईटी में बड़ी-बड़ी नौकरियों की तलाश में आमतौर पर रहने वाले लोगों के बीच एक व्यक्ति ने अपनी आरामदायक नौकरी छोड़ कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में अपनी तरह के पहले गधों के फार्म की शुरूआत की है। फार्म के मालिक श्रीनिवास गोड़ा ने मंगलुरु के पास इरा गांव में 42 लाख रुपये के निवेश से गधों का फार्म खोला है। उन्होंने अब तक इस अनूठे व्यापार में अपना नाम बना लिया है।
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उन्होंने कहा कि जब उन्होंने अपने दोस्तों और शुभचिंतकों को गधों का फार्म खोलने की योजना बतायी तो उन सबने श्री गोड़ा का काफी मजाक उड़ाया था। उन्होंने कहा,” गधों की घटती संख्या को देखते हुए मैनें यह फार्म स्थापित करने का फैसला किया क्योंकि धोबियों ने इस प्रजाति को छोड़ दिया था।”
उन्होंने बताया कि फार्म में अभी इनकी संख्या 20 है और इनका दूध बेचकर अच्छी कमायी की जा रही है जिसका अपना औषधीय गुण है।
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श्री गौड़ा ने कहा, “ गधी का दूध पौष्टिक होता है और इसका औषधीय महत्व है। इस दूध को महंगे दामों पर बेचा जाता है। इसे बेचने से अच्छा पैसा मिलता है। मॉल, दुकानों और सुपरमार्केट में उपलब्ध 30 मिलीलीटर दूध के पैकेट की कीमत 150 रुपये है।” उन्होंने बताया कि उन्हें अबतक 17 लाख रुपये के ऑर्डर प्राप्त हो चुके हैं।