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लाखों श्रद्धालुओं ने किये बांके बिहारी मन्दिर के स्वर्ण हिंडोले के दर्शन

लाखों श्रद्धालुओं ने किये बांके बिहारी मन्दिर के स्वर्ण हिंडोले के दर्शन

मथुरा । हरियाली तीज के पावन अवसर पर देश विदेश से आए लाखों श्रद्धालुओं ने ऐतिहासिक स्वर्ण हिंडोले में झूलते श्यामाश्याम के दर्शन कर स्वयं को धन्य किया। यह स्वर्ण हिंडोला इसलिए ऐतिहासिक है कि यह आजादी से लगभग दस साल पहले बनना शुरू हुआ था तथा 15 अगस्त 1947 को पहली बार इसमें श्यामाश्याम को झुलाया गया था। यह हिंडोला इतना भव्य बनाया गया है कि 75 वर्ष बीत जाने के बावजूद ऐसा लगता है कि यह हिंडोला आज ही बनाया गया है। शनिवार को सुबह से ही अधीनस्थ अधिकारियों के साथ मन्दिर में मौजूद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेष कुमार पाण्डे ने बताया कि सुबह सात बजे से अंतिम समाचार मिलने तक कोई अप्रिय घटना नही घटी क्योंकि दर्शनार्थियों के लिए बनाया गया लाइन सिस्टम सफलता पूर्वक चल रहा था। मन्दिर के अंदर अधिक देर तक श्रद्धालुओं को न रूकने देने के कारण सभी को सुलभ दर्शन मिल सके।

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बांके बिहारी मन्दिर के सेवायत आचार्य ज्ञानेन्द्र गोस्वामी ने बताया कि आज के दिन सखियों की उपस्थिति में श्यामसुन्दर राधारानी को स्वर्ण हिंडोले में झूला झुलाते है तथा राधारानी के थक जाने पर कुछ समय के अन्तराल में उन्हें हिंडोले के पीछे बनी सेज पर ले जाते हैं तथा न केवल उनके चरण दबाते हैं बल्कि उनका खराब हो गया श्रंगार भी ठीक करते हैें। उन्होंने बताया कि आज मन्दिर रात 11 बजे तक खुला रहेगा।आज ठाकुर को फैनी और घेवर का भोग लगाकर भक्तों में वितरित किया गया। हरियाली तीज होने के कारण पूरा श्रंगार और वातावरण जहां हरीतिमा से युक्त था वहीं आज बिहारी जी महराज को गर्भगृह से निकालकर जगमोहन के बाहर चैक में हिंडोले में विराजमान कराया गया था। मन्दिर का वातावरण सुगन्धित बनाये रखने के लिए कुछ समय के अन्तराल मेें भक्तों पर झूले के पास से आशीर्वादस्वरूप छोटी पिचकारी से गुलाबजल डाला जा रहा था।

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उन्होंने बताया कि आज ही के दिन वृन्दावन के अन्य मन्दिरों राधारमण,राधाबल्लभ, राधा दामोदर, राधा श्यामसुन्दर, गोपीनाथ,मदनमोहन में झूलनोत्सव की शुरूवात हो गई है तथा हर मन्दिर में श्यामसुन्दर राधारानी को झूला झूलने के लिए बुलाते हैं और कहते हैं , ’’राधे झूलन पधारों झुक आए बदरा’’। वृन्दावन का रंगनाथ मन्दिर यद्यपि दक्षिण भारत शैली पर बना है तथा वहां सारे त्योहार दक्षिण भारत के मन्दिरों की तरह मनाए जाते हैं किंतु आज से वहां भी झूलनोत्सव की शुरूआत हो गई है। आज ही के दिन लाडली मन्दिर बरसाना में श्यामाश्याम के स्वर्ण हिंडोले में झूलते हुए दर्शन कर भक्तों ने स्वयं को धन्य किया। द्वारकाधीश मन्दिर एवं नन्दबाबा मन्दिर में झूलनोत्सव की शुरूवात सावन लगते ही हो गई थी।कुल मिलाकर ब्रज का कोना कोना भक्ति रस से सराबोर हो गया है।

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