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मुड़िया पूनो मेले में लाखों श्रद्धालुओं ने की गिरिराज की परिक्रमा

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मुड़िया पूनो मेले में लाखों श्रद्धालुओं ने की गिरिराज की परिक्रमा

मुड़िया पूनो मेले में लाखों श्रद्धालुओं ने की गिरिराज की परिक्रमा

मथुरा। उत्तर प्रदेश में मथुरा जिले के गोवर्धन कस्बे में चल रहे पारंपरिक महत्च वाले मशहूर मुड़िया पूनो मेले में भक्ति का सागर उमड़ने के क्रम में लाखों श्रद्धालु गिरिराज जी की परिक्रमा लगा चुके हैं। दानघाटी मन्दिर के सेवायत महेश शर्मा ने रविवार को दावा किया कि मेले मेें अब तक लगभग 22 लाख से अधिक श्रद्धालु पतित पावनी मानसी गंगा में स्नान कर गोवर्धन की सप्तकोसी परिक्रमा कर चुके हैं। परिक्रमा के लिये मेले में आने वालों की संख्या अभी बढ़ती ही जा रही है। जिला प्रशासन ने भी आज 15 लाख तीर्थयात्रियों द्वारा परिक्रमा किये जाने की पुष्टि की है। मेला अधिकारी एडीएम विजय शंकर दुबे ने बताया कि रविवार काे सुबह तक 15 लाख भक्तों ने परिक्रमा कर ली है। मुड़िया पूनो मेले के संबंध में ब्रज की विभूति एवं रामानन्द आश्रम गोवर्धन के महन्त शंकरलाल चतुर्वेदी ने बताया कि सनातन गोस्वामी की कुटिया राधादामोदर मन्दिर वृन्दावन में थी। वे वहां से नित्य गोवर्धन पैदल चलकर आते थे तथा गिरिराज जी की सप्तकोसी परिक्रमा लगाकर अपनी कुटिया में फिर चले जाते था।

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इस प्रकार वे लगभग 93 किलोमीटर नित्य पैदल चलते थे। उन्होंने बताया कि वे जब सनातन अति वृद्ध हो गए और एक बार गोवर्धन की परिक्रमा करने के दौरान बैठ गए तो अपने भक्तों का कष्ट नहीं देख सकने वाले ठाकुर जी ने दर्शन देकर सनातन से कहा कि वे अब गोवर्धन की परिक्रमा न किया करें। परिक्रमा छूटने की बात सुनकर सनातन के अश्रुधारा बह निकली तो श्यामसुन्दर ने पास से एक शिला उठाई। उस पर जैसे ही अपने चरणकमल रखे शिला मोम की तरह पिघल गई। इसके बाद उन्होंने उस पर अपनी लकुटी और वंशी रख दी जिससे उसके भी चिन्ह बन गए। इसके बाद उन्होंने सुरभि गाय को बुलाया और जब उसके खुर के निशान उस पर जब अंकित हो गए तो उन्होंने वह शिला सनातन गोस्वामी को देते हुए कहा कि वे जहां रहते हों, इस शिला को रख लें। इसकी चार परिक्रमा करने पर उनकी गोवर्धन की एक परिक्रमा पूरी हो जाएगी। यह शिला आज भी वृन्दावन के राधादामोदर मन्दिर में रखी हुई है। वृन्दावनवासी नित्य सुबह तीन बजे से ही इस शिला की परिक्रमा करने लगते हैं। सनातन गोस्वामी की स्मृति में उनके शिष्यों ने सिर मुड़ाकर मानसी गंगा की परिक्रमा करने की परंपरा सैकड़ों साल पहले शुरू की थी जो आज विशाल मेले का रूप ले चुकी है। दानघाटी मन्दिर के सेवायत शर्मा का कहना है कि इस बार वन-वे की व्यवस्था को सख्ती से लागू करने के कारण कहीं यातायात अवरुद्ध नहीं हुआ। लोग आसानी से गोवर्धन पहुंच रहे हैं।

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उधर मेला अधिकारी ने बताया जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव परिक्रमा में की गई व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने के लिए मोटरसाइकिल से मेला क्षेत्र में समय समय पर स्वयं औचक निरीक्षण कर रहे हैं। भीड़ के कारण चूंकि चार पहिया वाहन परिक्रमा मार्ग में नही चल सकता इसलिए वे दुपहिया वाहन का सहारा ले रहे हैं। मेला अधिकारी ने बताया कि छोटी और बड़ी परिक्रमा में भंडारों की समुचित व्यवस्था करने के कारण तीर्थयात्रियों को भोजन एवं पानी उनकी इच्छानुसार मिल रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि मेले में खाद्य विभाग की टीम द्वारा शुद्ध खाद्य पदार्थों की बिक्री को सुनिश्चित किया जा रहा है। उनका यह भी कहना था कि तीर्थयात्रियों के लिए 900 बसें लगा दी गई हैं और यदि आवश्यकता होगी तो और बसें भी लगाई जाएंगी। मेला 15 जुलाई तक चलेगा। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक यादव ने बताया कि प्रमुख स्थानों पर सादा वर्दी में पुलिस की तैनाती के कारण 8 जुलाई को मेला शुरू होने से अब तक एक भी जेबकटी या उठाईगीरी की घटना प्रकाश में नहीं आई है। कुल मिलाकर मेले में चहुं ओर गिर्राज महाराज की जयजयकार हो रही है।

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