Knowledge of language and mathematics is essential for children in primary, set new standards of educational quality

औरैया

प्रायमरी में बच्चों के लिए भाषा और गणित का ज्ञान जरूरी, शैक्षिक गुणवत्ता का नया पैमाना तय

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August 14, 2020

प्रेरणा लक्ष्य के मानक से बच्चों की पढ़ाई का होगा मूल्यांकन

औरैया: बेसिक शिक्षा विभाग ने कक्षा एक से पांच तक के बच्चों की शैक्षिक गुणवत्ता का नया पैमाना निर्धारित किया है। अब कक्षा पांच तक के बच्चों के मूल्यांकन का आधार भाषा और गणित होगी। शिक्षकों का मूल्यांकन भी बच्चों की योग्यता के आधार पर होगा। निरीक्षण के दौरान शिक्षकों से भी इस पर सवाल-जवाब हो सकता है।

भाषा विषय के लिए यह होंगे मानकतय मानकों की बात करें तो भाषा विषय में कक्षा एक के बच्चे को निर्धारित सूची में पांच शब्दों को पहचानने की क्षमता होनी चाहिए। कक्षा दो के छात्र को भाषा की किताब में 20 शब्द प्रति मिनट पढ़ने की क्षमता, कक्षा तीन के छात्र में 30 शब्द प्रति मिनट पढ़ने की क्षमता, कक्षा चार के बच्चे में किताब का छोटा पैरा पढ़कर 75 प्रतिशत प्रश्नों का सही जवाब देने की क्षमता तथा कक्षा पांच के छात्र में बड़ा पैरा पढ़कर 75 प्रतिशत सवालों के सही जवाब देने की क्षमता का मानक बना है।

गणित के लिए यह मानक तयगणित विषय में कक्षा एक के छात्र को निर्धारित सूची में पांच संख्याएं सही पढ़ने की क्षमता, कक्षा दो के छात्र को एक अंक का जोड़ना और घटाना आना चाहिए। कक्षा तीन के छात्र को हासिल वाले जोड़ और घटाने के सवाल 75 प्रतिशत हल करने की क्षमता का मानक है ।कक्षा चार के छात्र को गुणा के 75 प्रतिशत सवाल हल करने का मानक तय हैं। कक्षा पांच के छात्र के लिए भाग के 75 प्रतिशत सवाल हल करने का मानक तय किया गया है।

शिक्षक अधिकारी भी मानक कंठस्थ रखेंसर्व शिक्षा से जारी पत्र में स्पष्ट लिखा गया है कि यह मानक बच्चों के साथ शिक्षक और विभागीय अधिकारी और प्रशासनिक अधिकारियों को कंठस्थ होना चाहिए। अगर कोई अधिकारी स्कूल का निरीक्षण करता है, तो उसे इसी मानक के आधार पर बच्चों की शैक्षिक गुणवत्ता का आकलन करना होगा। बीएसए ने बताया कि प्रेरणा लक्ष्य की प्रतिलिपि सभी बीईओ के माध्यम से स्कूलों में भेज दी गई है।