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पराली जलाने तथा अन्य फसल अवशेष जलाने की घटनाओं पर गंभीरता से रखे व रोके तथा कृषकों को जागरूक करें

पराली जलाने तथा अन्य फसल अवशेष जलाने की घटनाओं पर गंभीरता से रखे व रोके तथा कृषकों को जागरूक करें

पराली जलाने तथा अन्य फसल अवशेष जलाने की घटनाओं पर गंभीरता से रखे व रोके तथा कृषकों को जागरूक करें

औरैया। जिलाधिकारी प्रकाश चन्द्र श्रीवास्तव ने पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए जनपद के विभिन्न अधिकारियों को निर्देशित किया कि वह पराली जलाने तथा अन्य फसल अवशेष जलाने की घटनाओं पर गंभीरता से नजर रखते हुए उन्हें रोके तथा कृषकों को जागरूक करें कि फसल अवशेष जलाने से भूमि की उर्वरा शक्ति घटती है और फसल का उत्पादन गिर जाता है, जिससे फसल की लागत बढ़ती है और उत्पादन घटता है, ऐसा होने से कृषि से होने वाली आय घट जाती है। उन्होंने सभी संबंधितओं को निर्देश दिए कि वह अपने ग्रामीण भ्रमण के दौरान आमजनों से चर्चा करते हुए उन्हें अवगत कराएं कि भारत सरकार द्वारा संचालित फसल अवशेष प्रबंधन की योजना अन्तर्गत फसल अवशेष प्रबंधन के लिए 14 प्रकार के यंत्र चिन्हित किए गए हैं। उन्होंने संबंधितओं को निर्देशित करते हुए कहा कि कृषकों व आमजनों को जागरूक करने के लिए चौपाल व जागरूकता गोष्ठी का प्रारंभ कर फसल अवशेष जलाने से मिट्टी, जलवायु एवं मानव स्वास्थ्य को होने वाले हानियों के विषय में अवगत कराया जाए।

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उन्होंने कहा कि संबंधित अधिकारी कृषकों को यह भी अवगत कराएं कि अवशेष जलाया जाना एक दंडनीय अपराध है, फसल अवशेष/पराली जलाने तथा पुनरावृत्ति पर संबंधित के विरुद्ध अर्थदण्ड इत्यादि की कार्यवाही की जाएगी। भविष्य में आयोजित होने वाले मिलियन फार्मर स्कूल के माध्यम से भी पराली जलाने की घटना की रोकथाम एवं इससे नुकसान के संबंध में अवगत कराया जाए। श्री श्रीवास्तव ने पराली संग्रह के संबंध में संबंधित को निर्देश दिए कि गत वित्तीय वर्ष में जिन किसानों के खेत में फसल अवशेष जलाने की घटनाएं सामने आई हैं, उन कृषकों के खेत से पराली संग्रह कर निराश्रित गौशालाओं में रखा जाए और “पराली दो-खाद लो” कार्यक्रम का संचालन बृहद रूप से जनपद में स्थापित सभी गौशालाओं में अनिवार्य रूप से चलाया जाए। जिलाधिकारी ने जनपद स्तर पर अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व की अध्यक्षता में एक सेल स्थापित किए जाने के निर्देश दिए, जिसमें फसल की कटाई से रबी की बुवाई तक आवश्यक मानिटरिंग की कार्यवाही सुनिश्चित किए जाने हेतु अपर जिलाधिकारी को दायित्व सौंपा।

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उन्होंने कहा कि राजस्व ग्राम के लेखपाल की जिम्मेदारी होगी कि अपने क्षेत्र में फसल अवशेष बिल्कुल न जलने दे अन्यथा उनके विरुद्ध भी कार्रवाई होगी समस्त थाना प्रभारियों को भी जिम्मेदारी सौपते हुए बताया कि किसी भी दशा में फसल अवशेष न जलने दे इसके लिए निर्देश प्रसारित करें और प्रभावी कार्रवाई भी की जाए। जिलाधिकारी ने कहा यह भी सुनिश्चित किया जाए कि फसल कटाई के दौरान प्रयोग की जाने वाली कम्बाइन हार्वेस्टर के साथ सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम अथवा स्ट्रा रीपर अथवा स्ट्रा रेक एवं डीलर अथवा अन्य कोई फसल अवशेष प्रबंधन यंत्र का उपयोग किया जाना अनिवार्य होगा। यह सुनिश्चित किया जाए कि उक्त व्यवस्था बगैर जनपद में कोई भी कम्बाइन हार्वेस्टर से कटाई ना करने पाए।

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साथ ही उन्होंने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाए कि जनपद में चलने वाले प्रत्येक कम्बाइन हार्वेस्टर के साथ एक कर्मचारी रहे जो कि अपनी देखरेख में कटाई कार्य कराएं यदि कोई फसल अवशेष प्रबंधन यंत्र के बगैर चलते हुए पाई जाए तो उसको तत्काल सीज कर लिया जाए। उन्होंने यह भी अवगत कराया कि गन्ना की कटाई के दौरान यह सुनिश्चित किया जाए कि गन्ने की पत्तियों को जलाए जाने की भी घटना प्रकाश में न आए साथ ही इस अवधि में कूड़ा जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए भी प्रभावी कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा कि इस कार्य योजना का समयबद्ध क्रियान्वयन संबंधित विभागों से समन्वय कर सुनिश्चित किया जाए और सभी निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन हो।

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