झांसी । उत्तर प्रदेश के झांसी में नाबालिग दुष्कर्म मामले में सीसीटीवी कैमरों ने जबरदस्त भूमिका निभाते हुए न केवल दुष्कर्म की पूरी कहानी को ही उलटते हुए झूठा साबित कर दिया बल्कि दो निर्दोषाें को भी जेल जाने से बचा लिया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) राजेश एस ने गुरूवार देर शाम पत्रकारों को इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि थाना प्रेमनगर क्षेत्र में एक पीड़िता ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म होने की नामजद लिखित शिकायत घटना के 12 घंटे बीत जाने के बाद दर्ज करायी थी। इसके बाद मामले के खुलासे के लिए तीन टीमों को गठन किया गया । एसओजी की टीम को भी जांच में लगाया गया। इस बीच दो नामजद आरोपियों को गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू की गयी । पीड़िता का मेडिकल भी कराया गया।
यह भी देखें : हॉस्पिटल में आपसी विवाद में चली गोली, एक घायल
पीडिता ने अपने बयान में बताया था कि वह मंगलवार को सुबह शौच के लिए निकली थी और तभी गांव के तीन लड़कों ने उसे सफेद कार में जबरन खींच लिया और उसको लेकर चले गये। इसके बाद उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया । जांच में जुटी टीमों ने पीड़िता के घर के आस पास लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगाला लेकिन किसी में बताये गये समय पर कोई सफेद कार नजर नहीं आयी बल्कि पीड़िता ऑटो से जाती दिखायी दी। इसके अलावा पीड़िता और आरोपियों के सीडीआर भी खंगाले गये । इनसे मिल रही जानकारी भी पीड़िता की कहानी से मेल नहीं खा रही थी।
यह भी देखें : बरेली में प्रेमिका की हत्या कर की आत्महत्या
उन्होंने बताया कि जांच की गहनता बढ़ने के साथ पीड़िता की बात पर शक गहराने के साथ जांच में जुटी टीमों ने स्मार्ट सिटी के तहत शहर भर में लगाये गये सीसीटीवी कैमरों की मदद से पीड़िता को ट्रेस किया। इस क्रम में लगभग 50 से 60 सीसीटीवी कैमरों को खंगाला गया। इन कैमरों में पीड़िता शहर भर में ऑटो से घूमती नजर आयी और बाद में किले में जाकर बैठ गयी और किसी का इंतजार करती दिखी लेकिन काफी समय तक किसी के भी नहीं आने के बाद वह ऑटो से अपने घर न जाकर बुआ फूलवती के घर चली गयी। इसके बाद फूलवती और उसके बेट मनीष परिहार ने उसे बहला फुसला कर अपने विरोधियों सोनू और मनीष को दुष्कर्म के मामले में फंसाने का षडयंत्र रचा और उनके खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म की नामजद शिकायत दर्ज करायी।
यह भी देखें : वेद सप्ताह के प्रथम दिन गेल डीएवी के विद्यार्थियों ने वृद्धाश्रम में की सेवा और प्राप्त किया बुजुर्गों का आशीर्वाद
पीड़िता को जब सीसीटीवी कैमरों से मिली तस्वीरों को दिखाकर पूछताछ की गयी तो आखिरकार उसने सच्चाई स्वीकार कर ली और बताया कि बुआ और उनके बेटे के कहने पर उसने यह शिकायत दर्ज करायी थी। उसने बताया कि वह अपने पुरूष मित्र के साथ शादी करना चाहती थी। उसके साथ जाने के लिए घर से निकली थी । इतना ही नहीं उसने शादी के लिए उसी दिन बिछया और पायल भी खरीदे थे। लड़की हर जगह कैमरों में नजर आयी। जब उसका पुरूष मित्र किले पर नहीेी आया तो उसके बाद वह बुआ के घर चली गयी। बुआ के घर पर ही सामूहिक दुष्कर्म की पूरी कहानी रची गयी।
एसएसपी ने बताया कि पीड़िता के मेडिकल परीक्षण में भी दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि इस मामले में नगर निगम द्वारा शहर भर में लगाये गये सीसीटीवी कैमरों ने न केवल दुष्कर्म की गढ़ी गयी झूठी कहानी का पर्दाफाश किया बल्कि दो निर्दोष युवकों को भी जेल जाने से बचा लिया।उन्होंने बताया कि पीड़िता , फूलवती और मनीष को हिरासत में लेकर अग्रिम वैधानिक कार्रवाई की जा रही है।