कानपुर की प्रतिष्ठित मेडिकल लैब ज्ञान पैथालॉजी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के निर्देश
कानपुर। शहर की प्रतिष्ठित मेडिकल लैब ज्ञान पैथालॉजी में कोरोना नेगेटिव को पाॅजिटिव बताने का खेल पकड़ा गया है। इस लैब से जिन 38 लोगों को पाॅजिटिव बताया गया था उन सभी 30 लोगों की रिपोर्ट सरकारी जांच में नेगेटिव आई है। इस खुलासे से सनसनी मच गई है। मामले में जिलाधिकारी ने सीएमओ को रिपोर्ट दर्ज कराने का आदेश दिया है।
शिकायत पर सील की गई थी लैब
20 सितंबर को एक मरीज की शिकायत पर जिलाधिकारी आलोक तिवारी और सीएमओ डॉ.अनिल कुमार मिश्र ने शहर के स्वरूप नगर स्थित ज्ञान पैथालॉजी लैब पर छापा मारा था। युगांडा जाने की तैयारी कर रहे एक व्यक्ति ने इस लैब में कोरोना जांच कराई थी, उसे पाॅजिटिव रिपोर्ट मिली थी। उसने दूसरी लैब में भी जांच कराई थी, जहां रिपोर्ट नेगेटिव मिली, उसे कोई लक्षण भी नहीं था।इस गड़बड़ी पर उसने लैब की शिकायत की। डीएम खुद जांच करने पहुंचे तो पता चला कि वहां कई मरीजों के नाम-पते और मोबाइल नम्बर गलत दर्ज हैं। डीएम आलोक तिवारी ने कहा कि गलत रिपोर्ट देना, पॉजिटिव मरीजों का पूरा विवरण न लिखने, ज्यादा पैसा लेने जैसी शिकायतें सही मिलीं तो लैब सील कर दी गई थी। एडीएम सिटी की निगरानी में तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाई गई, जिसमें दो एसीएमओ शामिल किए गए थे। जांच कमेटी ने विस्तृत पड़ताल की है। जांच में 20 सितम्बर से तीन दिन पूर्व की सभी कोरोना जांचों के रिकार्ड लिए गए। कमेटी ने उन सभी मरीजों की दोबारा जांच की है। उसी जांच में 30 पॉजिटिव मरीज निगेटिव मिले हैं। अभी 12 की रिपोर्ट आनी बाकी है।
यह भी देखें :प्रदेश के सहकारी बैंक में भाजपा का सत्रह साल बाद कब्जा
सीएमओ को रिपोर्ट दर्ज कराने के निर्देश
जिलाधिकारी आलोक तिवारी ने कहा कि ज्ञान पैथोलॉजी ने जिन 30 लोगों को कोरोना पाजिटिव बताया था, उनके दोबारा सैम्पल लेकर आरटीपीसीआर जांच कराई गई तो सभी नेगेटिव मिले। संभव है कि दो-तीन ऐसे मरीज हों, जो स्वस्थ हो गए हों। पर पूरे 30 पाजिटिव छह दिन में निगेटिव नहीं हो सकते। सीएमओ को मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।
यह भी देखें :प्रधान ने प्रेमिका को गिफ्ट में दी सोने की अंगूठी, जेब में रखे बिल से खुला राज तो पत्नी ने खाया जहर
इनकी भी सुनिए
”तीन दिन में पॉजिटिव मरीज नेगेटिव हो जाते हैं ।आईसीएमआर की गाइडलाइन के अनुसार जांच रिपोर्ट मरीजों को दी जा रही है। जिस तरह दोबारा मरीजों की क्रास जांच की गई है, उसमें मानकों का पालन हुआ या नहीं, यह हम नहीं कह सकते हैं। फिर भी हम मानने को तैयार हैं कि डाटा फीडिंग में गड़बड़ी हो सकती है। रिपोर्ट में किसी तरह त्रुटि की गुंजाइश नहीं है।
डॉ.अरुण कुमार, संचालक
ज्ञान पैथोलॉजी
यह भी देखें :औरैया में सात पुलिस निरीक्षकों को मिली नई जिम्मेदारी