सिलसिलेवार पाक की गिनाई करतूत
न्यूयार्क । संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान ने एक बार फिर कश्मीर राग अलापा तो भारत की ओर से उसे हर बार की ही तरह इस बार भी कड़ी फटकार मिली। संयुक्त राष्ट्र में भारत की प्रथम सचिव स्नेहा दुबे ने कड़ा जवाब देते हुए पाकिस्तान को आतंकवाद का संरक्षक और अल्पसंख्यकों का दमन करने वाला बताया।
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संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र में भाषण के दौरान कश्मीर के मुद्दे पर इमरान ने भारत को घेरने की कोशिश की तो स्नेहा दुबे ने उन्हें आईना दिखाते हुए कहा, पाकिस्तान ने आतंकवादियों को पनाह देने, सहायता करने और सक्रिय रूप से समर्थन देने का इतिहास और नीति स्थापित की है। पाकिस्तान इस उम्मीद में अपने बैकयार्ड में आतंकवादियों का पोषण करता है कि वे केवल उसके पड़ोसियों को नुकसान पहुंचाएंगे। उन्होंने कहा कि “यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान के नेता ने मेरे देश के खिलाफ झूठे और दुर्भावनापूर्ण प्रचार के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रदान किए गए प्लेटफॉर्मों का दुरुपयोग किया है, और दुनिया का ध्यान अपने देश की दुखद स्थिति से हटाने की कोशिश कर रहा है |
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जहां आतंकवादी फ्री पास का आनंद लेते हैं। महासभा में पाकिस्तान को दो तुक जवाब देने वाली स्नेहा दुबे 2012 बैच की महिला अधिकारी हैं। उन्होंने पहले अटेम्प्ट में ही यूपीएससी की परीक्षा में सफलता प्राप्त की थी। आईएफएस बनने के बाद उनकी नियुक्ति विदेश मंत्रालय में हुई। उन्हें 2014 में भारतीय दूतावास मैड्रिड में भेजा गया। गोवा में पली-बढ़ीं स्नेहा ने पुणे के फर्ग्यूसन कॉलेज से ग्रैजुएशन के बाद नई दिल्ली की जवाहरलाल यूनिवर्सिटी से जियॉग्रफी में मास्टर्स की पढ़ाई की। स्नेहा दुबे हमेशा से इंडियन फॉरन सर्विस जॉइन करना चाहती थीं। अंतरराष्ट्रीय मुद्दों में दिलचस्पी के चलते उन्होंने JNU में ही स्कूल ऑफ इंटरनैशनल स्टडीज में एमफिल की पढ़ाई पूरी की। घूमने की शौकीन स्नेहा का मानना है कि IFS बनकर उन्हें देश का प्रतिनिधित्व करने का सबसे बेहतरीन मौका मिला है।
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स्नेहा दुबे ने 1971 में स्वतंत्रता संग्राम के दौरान और उससे पहले बांग्लादेश में हुए नरसंहार को याद किया जिसमें पाकिस्तान द्वारा 300,000 से अधिक लोग मारे गए थे और सैकड़ों हजार महिलाओं के साथ दुष्कर्म हुआ था।पाकिस्तान ‘अभी भी बांग्लादेश के लोगों के खिलाफ एक धार्मिक और सांस्कृतिक नरसंहार को अंजाम देने के हमारे क्षेत्र में घृणित रिकॉर्ड रखता है।
दुबे ने कहा, “हमने कुछ दिन पहले 9/11 के आतंकी हमलों की 20 वीं वर्षगांठ के गंभीर अवसर को चिह्न्ति किया। दुनिया यह नहीं भूली है कि उस नृशंस घटना के पीछे के मास्टरमाइंड ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान में शरण मिली थी। आज भी, पाकिस्तान नेतृत्व उन्हें ‘शहीद’ के रूप में महिमामंडित करता है। “अफसोस की बात है, आज भी हमने पाकिस्तान के नेता को आतंकी कृत्यों को सही ठहराने की कोशिश करते हुए सुना। आतंकवाद की ऐसी रक्षा आधुनिक दुनिया में अस्वीकार्य है।