- आईसीसी के 95 वें वार्षिकोत्सव में में पीएम नरेंद्र मोदी का संबोधन
- पीएम बोले आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए मर्सिडीज वाले भी फुटपाथ से खरीदें सामान
- अपने लोकल के लिए वोकल बनने का समय : मोदी
नई दिल्ली: गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत को अपने पैरों पर खड़ा होना होगा, दूसरे देशों पर हमें अपनी निर्भरता कम से कम करनी होगी।आत्मनिर्भर भारत के अभियान को गति देनी है। इसके लिए मर्सिडीज वाले भी फुटपाथ से सामान खरीदें। अपने लोकल के लिए वोकल होने का समय है। प्रधानमंत्री आईसीसी के 95 वें एनुअल डे के मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमारी इच्छा शक्ति आगे मार्ग तय करती है। आईसीसी ने देश के बंटवारे के दर्द को सहा। आईसीसी ने आजादी की लड़ाई को देखा,विभाजन को देखा, विभाजन की पीड़ा को सहा। पीएम ने कहा कि कोरोना से भारत समेत पूरी दुनिया लड़ रही है। पहले से हार मानने वाले जीत नहीं पाते, एकजुट होकर लड़ना हमारी बहुत बड़ी ताकत है। आज देश के सामने कई चुनौतियां हैं। एकजुट होकर मुसीबत से लड़ेंगे, मुसीबत की दवा मजबूती है। अभी की लड़ाई आने वाला अवसर तय करेगी । हमारे यहां कहते हैं मन के हारे हार मन के जीते जीत। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रकृति भी कभी-कभी परीक्षा लेती है, हमें कोरोना की आपदा को अवसर में बदलना है।
आत्म निर्भरता का टारगेट सबसे ऊपर
आत्मनिर्भर भारत के अभियान को गति देनी है। भारत दूसरे देशों पर निर्भरता कम से कम करे, आत्मनिर्भरता का टारगेट हमारे लिए सबसे ऊपर है। मर्सिडीज वाले भी फुटपाथ से सामान खरीदें। अपने लोकल के लिए वोकल होने का समय है। आपदा के अवसर पर आत्मनिर्भर बनना है। कोरोना से लड़ाई में हमारा देश पीछे नहीं है, कोरोना से लड़ाई ने देश को मजबूत किया है ।
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एमएसएमई सेक्टर का दायरा बढ़ाया
पीएम ने कहा कि एमएसएमई का दायरा लटका हुआ था इसे सरकार ने बढ़ाया। कोरोना के समय में भारत को आत्मनिर्भर बनाना है कोरोना की आपदा को अवसर में बदलना है। आत्मनिर्भर भारत के अभियान को गति देनी है ।भारत को भी अपने पैरों पर खड़ा होना होगा। कोरोना वायरस के साथ भारत भी लड़ रहा है,कोरोना वारियर्स के साथ पूरा देश खड़ा है।
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किसानों को अपनी उपज कहीं भी बेंचने की आजादी
कृषि अर्थव्यवस्था को गुलामी से मुक्त किया, किसानों को अपनी उपज कहीं भी बेचने की आजादी मिली। कोल, माइनिंग सेक्टर में सुधार का ऐलान किया है। आत्मनिर्भर भारत में सुधारों को तेजी से लागू किया जा रहा है। पूरा नॉर्थ-ईस्ट ऑर्गेनिक खेती का हब बन सकता है।