मथुरा । नेपाल के उच्चतम न्यायालय के अवकाश प्राप्त मुख्य न्यायाधीश एवं अंतर्राष्ट्रीय ब्राह्मण संगठन के प्रमुख संरक्षक गोपाल परांजलि ने कहा कि भारत के हिन्दू राष्ट्र बनने की परिकल्पना अगर साकार रूप लेती है तो इसका सकारात्मक प्रभाव दक्षिण एशिया समेत समूचे विश्व पर पड़ेगा।
शंकराचार्य आश्रम गोवर्धन में पत्रकारों से बातचीत में श्री परांजलि ने रविवार को कहा कि नेपाल सैद्धांतिक रूप से पहले से ही हिन्दू राष्ट्र है । यदि भारत भी हिन्दू राष्ट्र बन जाता है तो इससे विश्व के 178 करोड़ हिन्दुओं को आत्मबल मिलेगा तथा इसका असर एशिया पर पड़ेगा।
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उन्होने कहा कि गोवर्धन पीठाधीश्वर जगदगुरू शंकराचार्य अधोक्षजानन्द देव तीर्थ का आशीर्वाद प्राप्त कर उन्हें बहुत अधिक आध्यात्मिक बल मिला है क्योंकि आदि शंकराचार्य ने भारत में पूर्व से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक की यात्रा कर हिन्दुओं को जोड़ने की कोशिश की तो अधोक्षजानन्द देव तीर्थ उससे आगे बढ़कर बांगलादेश और पाकिस्तान के हिन्दुओं का आत्मबल बढ़ाने जा रहे हैं। भारत आने का मकसद साफ करते हुये उन्होने कहा कि वे जिस अंतर्राष्ट्रीय ब्राह्मण संगठन के प्रमुख संरक्षक हैं।
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इसका जम्मू कश्मीर में कटरा में एक अंतर्राष्ट्रीय अधिवेशन था जो जम्मू कश्मीर के पण्डितों की समस्या को देखते हुए आयोजित किया गया था। ऐसा ही एक सम्मेलन श्रीनगर में निकट भविष्य में किया जाएगा। वास्तव में वे इन सम्मेलनों के माध्यम से कश्मीरी पण्डितों को यह संदेश देना चाहते हैं कि दुनिया भर के ब्राह्मण उनके साथ हैं। अवकाश प्राप्त मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि जिस प्रकार से मुसलमानों का इस्लामिक संगठन अरब में और क्रिश्चियन का वेटिकन सिटी है। इसी प्रकार भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाना जरूरी है क्योंकि तब विश्व के हिन्दू कह सकेंगे कि भारत हिन्दू राष्ट्र है। भारत और नेपाल के हिन्दू राष्ट्र बनने से ओंकार फेमिली यानी हिन्दू, बुद्ध, जैन भी एक हो जाएगे।