- कुंदनपुर के अलोपा देवी मंदिर से ही किया था भगवान श्रीकृष्ण ने रुक्मिणी का हरण
- श्रीकृष्ण का रथ मंदिर के किनारे बह रही पाण्डु नदी में घुसकर गुजरा था,सुखसागर में वर्णित है हूबहू कथा
औरैया : आज जन्माष्टमी है आज मायापति,गोवर्धनधारी ,भगवान श्रीकृष्ण का जन्मदिन है ।सबको पता है कि लीलाधर श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा के कारागार में हुआ था। लेकिन आप यह नहीं जानते होंगे कि भगवान श्रीकृष्ण की ससुराल औरैया के कुन्दनपुर में थी । मुगल काल में कुन्दनपुर पर भयंकर आक्रमण और कब्जे के बाद कुन्दनपुर का नाम क़ुदरकोट हो गया । भगवान श्रीकृष्ण की सबसे चहेती प्रमुख पटरानी रुक्मिणी कुंदनपुर के राजा भीष्मक की पुत्री थी । वैसे तो श्रीकृष्ण भगवान की कई पत्नियां थी ।
यह भी देखें : पुलिस ने फाँसी पर झूलती महिला की बचाई जान
परंतु सबसे चहेती पत्नी रुक्मिणी थी, रुक्मिणी लक्ष्मी का अवतार थी। रुक्मिणी ने दुआरकाधीश भगवान श्रीकृष्णको मन ही मन अपना पति मान लिया था ,लेकिन रुक्मिणी का भाई रुक्मी अपनी बहिन रुक्मिणी की शादी चेदि राजकुमार शिशुपाल से करना चाह रहा था ।रुक्मिणी इसके लिये तैयार नहीं थी । रुक्मी ने आनन फानन रुक्मिणी की शादी शिशुपाल से तय कर दी । शिशुपाल मगध के राजा जरासन्ध सहित कई राजाओं के साथ बारात लेकर कुंदनपुर के लिये चला । उधर रुक्मिणी ने अपने कुलगुरू के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण को बुलावा भेज दिया ।
यह भी देखें : रायबरेली की विधायक अदिति सिंह बोली योगी हमारे राजनैतिक गुरु
श्रीकृष्ण रुक्मिणी का संदेश मिलते ही अपने भाई बलराम के साथ कुन्दनपुर के लिये चल पड़े । उधर शिशुपाल भी बारात लेकर कुन्दनपुर पहुँच चुका था । शादी की तैयारियां जोरों से चल रही थी । कुंदनपुर की परम्परा के अनुसार शादी के दिन राजपरिवार की सभी लड़कियां पाणिग्रहण करने से पहले कुन्दनपुर के बाहर पांडु नदी पर स्थिति माँ भवानी के मंदिर जिसे बाद में मंदिर से रुक्मिणी के अलोप होने के कारण अलोपा देवी का मंदिर भी कहा जाने लगा ।रुक्मिणी भी माँ भवानी की पूजा करने के लिये मंदिर गई ।
यह भी देखें : विश्व शेर दिवस: शेरों की रियासत बनने की ओर अग्रसर इटावा सफारी पार्क
श्रीकृष्ण ने वहीं से रुक्मिणी का उनकी इच्छा के अनुसार हरण कर लिया । रुक्मिणी को अपने रथ पर बैठाकर रथ को पाण्डु नदी में प्रवेश कराकर द्वारका की ओर चले, रुक्मी की सेना ने पीछा किया परन्तु श्रीकृष्ण ने रुक्मी को बुरी तरह पराजित कर दिया और सुरक्षित द्वारका प्रस्थान कर गए ।उधर बलराम ने शिशुपाल और जरासन्ध की सम्मिलित सेना को परास्त कर दिया । आज भी क़ुदरकोट में अलोपा देवी का मंदिर और मंदिर के किनारे पाण्डु नदी बह रही है ।यह कथा सुखसागर और भागवत पुराण में वर्णित है ।आज यूपी के जनपद औरैया में श्री कृष्ण जन्माष्टमी की रौनक बाजारों में दिखाई देने लगी है,
यह भी देखें : औरैया में कोरोना संक्रमित मृतक मरीजों की संख्या छह हुई
जनपद में भगवान श्री कृष्ण की झाकियों को सजाने के लिए इस बार एक से बढ़कर एक सामंग्री धूम मचा रही है इस बार कोरोना महामारी को देखते हुए श्री कृष्ण जन्माष्टमी घरो में ही बड़े धूमधाम के साथ मनाई जाएगी। शहर में इसकी तैयारी जोरो पर शुरू हो गयी है भगवान श्री कृष्ण का श्रृंगार को खरीदने के लिए लोग बाजारों में पहुंचनी शुरू हो गये है, भगवान कृष्ण के श्रृंगार में इस्तेमाल होने वाली सामंग्री जनता को अपनी तरफ आकर्षित कर रही है और श्रद्धालु ज्यादा से ज्यादा खरीददारी कर रहे है ।
यह भी देखें : जालौन में मुठभेड़ में एक लुटेरा तमंचा सहित गिरफ्तार, 3 फरार
भगवान श्री कृष्ण के लिए कूलर व मेटल झूला लाया गया है जो ग्राहकों को पहली बार में ही पसंद आ रहा है। बता दे की भाई बहन के प्यार के प्रतीक रक्षा बंधन के ठीक एक सप्ताह बाद जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है जनपद में इस बार आज और कल भगवान श्री कृष्ण की जन्माष्टमी बड़े ही धूमधाम के साथ घरो में मनाई जाएगी जिसकी तैयारी जोरो पर चल रही है ।शहर के सुभाष चौराहे , बजाजा बाजार पर दुकाने सज गयी है ।इस बार भगवान श्री कृष्ण को सजाने के लिए विभिन्न प्रकार के सजावटी सामान लाये गए है जो ग्राहकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन रहे है ।
यह भी देखें : 15000 रुपए के एक ईनामी शातिर वांछित अपराधी को किया गिरफ्तार