हैदराबाद। तेलंगाना के हैदराबाद में दो मुस्लिम महिलाओं को दुर्गा पंडाल में देवी प्रतिमा के साथ तोड़तोड़ करने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोप है कि बुर्का पहने दो महिलाएं पंडाल में घुसी और देवी की प्रतिमा को खंडित कर दिया। घटना के बाद से इलाके में तनाव है। वहीं आरोपी महिलाओं के परिजनों का कहना है कि वह मानसिक रूप से बीमार हैं। हैदराबाद के मध्य क्षेत्र के डीसीपी चंद्रा ने खैरताबाद के एक पंडाल में देवी दुर्गा की मूर्ति के एक हिस्से में तोड़फोड़ करने के आरोप में मुस्लिम समुदाय की 2 महिलाओं को गिरफ्तार किया गया। पंडाल में घुसी महिलाओं में से एक ने अपने हाथ में पाना लिए हुई थी। इस दौरान उसने एक युवक पर हमला करने की भी कोशिश की। घटना पर नामपल्ली के विधायक जेएच मेराज ने कहा कि 2 बुर्का पहने महिलाओं ने स्पैनर से देवी की मूर्ति को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया। जब भक्तों ने उन्हें रोका तो उन्हें फिर प्रतिमा को नुक्सान पहुंचाने का प्रयास किया।
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बाद में उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया गया। मैं मामले में आयुक्त से विस्तृत जांच का अनुरोध करता हूं। डीसीपी चंद्रा ने आगे कहा कि गिरफ्तार महिलाओं के परिवार में 4 लोग माता, पिता और 2 लड़कियां एक साथ रहते हैं। वे मानसिक रूप से बीमार हैं और उन्हें शारीरिक परेशानी भी है। वे 2018 में सऊदी अरब के जेद्दा से लौटे थे और तब से वह इस बिमारी का सामना कर रहे थे। उनका असिमदुद्दीन नाम का एक भाई है। सिज़ोफ्रेनिया नाम की बीमारी से पीड़ित हैं आरोपी महिलाएं महिलाओं के भाई सिमदुद्दीन ने कहा कि मैं अभी तक अपनी बहनों से नहीं मिला हूं लेकिन मैंने सुना है कि क्या हुआ इसलिए मैं आया हूं। मेरी माँ और बहनों को सिज़ोफ्रेनिया है और भाई को पैरानॉयड सिज़ोफ्रेनिया है। उन्होंने ऐसा कभी नहीं किया है। मैं माफी चाहता हूं। उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। इसलिए, मुझे इस पर गौर करना जारी रखना होगा।