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इटावा में बगैर जानकारी किसानो के खाते से बीमा कंपनी ने काटे 93 लाख

इटावा में बगैर जानकारी किसानो के खाते से बीमा कंपनी ने काटे 93 लाख
इटावा में बगैर जानकारी किसानो के खाते से बीमा कंपनी ने काटे 93 लाख

इटावा। प्रधानमंत्री कृषि बीमा योजना के तहत उत्तर प्रदेश के इटावा जिले मे बीमा कंपनी ने करीब 10 हजार किसानो के खाते से 93 लाख रूपये काट लिये जिसको लेकर किसानो मे बैचैनी देखी जा रही है ।
जिला कृषि अधिकारी अभिनंदन सिंह ने शनिवार को बताया कि उनकी जानकारी मे यह मामला आया है जिसमे किसानो के खाते से धन काटा गया है । इस संबंध में बीमा कंपनी को पत्र लिखकर स्थिति पता लगाया जायेगा । किसानों की सहमति-असहमति लिए बिना बीमा धनराशि की कटौती खातों से करना नियम के खिलाफ है।

किसान नेता मुकुट सिंह ने इसे किसानों के धन पर डकैती डालने के समान बताते हुए पूरे मामले की जांच की मांग की है। माकपा किसान सभा के प्रांतीय नेता मुकुट सिंह ने कहा कि बीमा कंपनी किसानों के धन के साथ डाका डाल रही है । एक तरफ तो सरकार नियम बनाती है वहीं उसका किस तरह से दुरुपयोग कर लोगों का शोषण किया जाता है। इसका यह घटना एक बड़ा उदाहरण है। किसान सभा इस मामले में चुप नहीं बैठेगी। विरोध की रूपरेखा तैयार करेगी।

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प्रधानमंत्री कृषि बीमा योजना किसानों से ज्यादा बीमा कंपनी के लिए फायदेमंद साबित हो रही है । बीमा कंपनी ने जुलाई में बैठे बैठाए करीब 10 हजार किसानों के खाते से किस्त के रूप में लगभग 93 लाख रुपये काट लिए । किसानों को इसकी जानकारी तक नहीं दी गई। केंद्र सरकार ने दैवीय आपदा अथवा अन्य कारणों से फसलों को होने वाले नुकसान का किसानों को मुआवजा दिलाने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू की है। इस बीमा योजना में किसानों से कृषि लागत का दो प्रतिशत लेकर फसल को बीमित किया जाता है। किसान क्रेडिट कार्ड लेने वाले किसानों को बीमा कराना अनिवार्य होता है।

वर्ष 2020-21 में खरीफ फसल का बीमा चल रहा है। पहले यह व्यवस्था थी किसान की सहमति और असहमति का कोई मूल्य नही था। बीमा राशि हर हाल में किसानों के खातों से काट ली जाती थी। इस साल से सरकार ने एक संशोधन कर दिया है कि फसल बीमा को ऐच्छिक आधार पर लागू किया जाए। जो किसान बीमा नहीं कराना चाहते हैं वे अपनी असहमति बैंक शाखा में दे सकते हैं।

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शासनादेश के अनुसार फसल बीमा के लिए सहमति और असहमति देने के लिए 23 जुलाई तक का समय दिया गया है। जो किसान इस समय सीमा में अपनी असहमति नहीं देंगे तो यह मान लिया जाएगा कि वे बीमा कराने के प्रति सहमति हैं। उनके क्रेडिट खाते से कटौती हो जाएगी।
इटावा जिले में यूनीवर्सल सोमयो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को तीन वर्षों के लिए फसल बीमा करने का अनुबंध किया गया है। कंपनी ने 23 जुलाई से पहले ही 10153 किसानों के क्रेडिट खातों से 93 लाख 62 हजार 143 रुपये कटौती कर ली। अब अगर कोई किसान अपनी असहमति बैंक में देना चाहेगा तो उसका कोई मतलब नहीं रहा। बीमा कंपनी ने किसानों के साथ एक तरह से धोखा किया है।

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