- दिबियापुर से अगवा मासूम की फिरौती के लिए 20 लाख की थी डिमांड
- मुठभेड़ में घायल चचेरे चाचा ने बुना था बच्चे के अपहरण का ताना-बाना
- एडीजी जोन ने पुलिस टीम को दिया 50000 का इनाम
औरैया। यूपी की औरैया पुलिस ने दिबियापुर थाना क्षेत्र के गांव कनारपुर से बुधवार दोपहर अगवा किए गए 5 साल के मासूम को 12 घंटे में सकुशल बरामद कर चार अपहरणकर्ताओं को दबोच लिया। साजिश का मुख्य मास्टरमाइंड बच्चे का चचेरा चाचा ही था जो एरवाकटरा क्षेत्र में गुरुवार सुबह हुई पुलिस के साथ मुठभेड़ में घायल हुआ है। एडीजी जोन कानपुर ने आईजी व औरैया पुलिस अधीक्षक को प्रशस्ति पत्र एवं बच्चे की बरामदगी में लगी टीम को 50 हजार रुपए का पुरस्कार दिया है। इस पूरे मामले में औरैया पुलिस ने हरियाणा, दिल्ली ,छत्तीसगढ़, एमपी समेत 6 राज्यों की पुलिस की मदद से बच्चे को सकुशल बचाने में सफलता हासिल की ।
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कनारपुर गांव के आलोक दुबे ने अपने 5 वर्षीय बेटे को अगवा कर लिए जाने तथा फोन कॉल कर 20 लाख रुपए की फिरौती मांगे जाने की जानकारी पुलिस को दी थी। इस पर एसओजी, साइबर, सर्विलांस व दिबियापुर पुलिस की 6 टीमों का गठन कर बच्चे की बरामदगी के लिए प्रयास शुरू किए गए। एसपी चारू निगम ने बताया कि गांव से इस संबंध में महत्वपूर्ण सुराग मिला था जिसके आधार पर पुलिस ने हरियाणा के मानेसर, दिल्ली, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश व कासगंज पुलिस की मदद से अपहरणकर्ताओं को ट्रेस कर संभावित स्थानों पर दबिश दी। घटना के 12 घंटे के अंदर अपहरणकर्ताओं की मौजूदगी कासगंज में मिली।
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स्थानीय पुलिस की मदद से गठित टीमों ने दबिश देते हुए तीन अपहरणकर्ता विजय कुमार उर्फ कन्हैया यादव निवासी कनारपुर दिबियापुर तथा राहुल बाल्मीकि निवासी वैदवा थाना अमरपुर जनपद कासगंज, एवं अपहरणकर्ता की प्रेमिका बताई जा रही संपा खातून निवासी नागपुर थाना कृष्णागंज जिला नादिया पश्चिम बंगाल को कासगंज के वैदवा गांव से गिरफ्तार कर अगवा बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया गया। पुलिस ने घटना में प्रयुक्त हरियाणा नंबर की स्विफ्ट कार, तथा एक देसी पिस्टल, 35 कारतूस, मोबाइल फोन आदि बरामद किए हैं। पूछताछ में पुलिस को मुख्य साजिशकर्ता अगवा बच्चे के चचेरे चाचा विशाल निवासी कनारपुर के बारे में जानकारी मिली, पुलिस टीम इसके पीछे लगी हुई थी।
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औरैया के एरवाकटरा क्षेत्र में पुलिस ने विशाल को घेरा तो विशाल ने पुलिस पर फायरिंग कर दी जवाबी फायरिंग में गोली लगने से विशाल घायल हो गया उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस के अनुसार विशाल ने ही बच्चे के अपहरण की साजिश रची थी। इसके लिए 2 महीने पहले उसने छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में एक राहगीर का मोबाइल छीना था और अपने भतीजे के अपहरण में उसी मोबाइल का इस्तेमाल किया। इसके अलावा उस मोबाइल से विशाल ने कहीं कोई कॉल नहीं की। एसपी ने बताया कि मामले में एक आरोपी फरार है जिसने गाड़ी आदि दिलाने में मदद की है, उसकी गिरफ्तारी के लिए टीम लगी हुई है। मुख्य साजिशकर्ता व अन्य अपहरणकर्ताओं ने बच्चे को महीनों पहले से लालच में लेना शुरू कर दिया था। अपहरण वाले दिन बच्चे को यह कहते हुए पीछे पीछे आने का प्रलोभन दिया था कि वे उसे दिबियापुर बाजार ले जाकर छोले भटूरे खिलाएंगे।