इटावा। सरकारी अस्पतालों में व्यवस्थाएं मरीजों और तीमारदारों पर अक्सर भारी पड़ती रहती हैं। शासन का पूरा जोर स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने की कोशिश पर है, लेकिन जनपद में स्वास्थ्य व्यवस्था सुधरती हुई दिखाई नहीं दे रही है। यहां वार्ड ब्वॉय और डॉक्टर अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाते हुए दिखाई नहीं दे रहे हैं।
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जिला अस्पताल में ऐसा ही एक मामला शनिवार सुबह देखने को मिला जब 108 एंबुलेंस से मानिकपुर गांव से महिला मरीज के साथ उसकी परिवार की महिला तीमारदार पहुंची थी। जिला अस्पताल पहुंचने के बाद महिलाओं ने एंबुलेंस से जब मरीज को उतारने के लिए वहां के कर्मचारियों से कहा तो उन्होंने खुद ही महिला मरीज को इमरजेंसी वार्ड तक ले जाने के लिए कह दिया। फिर क्या था मजबूरी में महिला मरीज परिजनों ने स्ट्रेचर को लिया और 108 एंबुलेंस से महिला मरीज को उतारकर स्ट्रेचर पर रख के इमरजेंसी वार्ड की तरफ ले जाने लगीं।
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महिला परिजन पल्लवी और मुन्नी देवी ने बताया कि उनको किसी भी तरह की मरीज को एंबुलेंस से इमरजेंसी तक ले जाने में कोई मदद नहीं मिली और खुद ही इमरजेंसी वार्ड तक ले जाना पड़ा।
सीएमओ एनएस तोमर से इस संबंध में जब बात की गई तो उन्होंने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए स्टाफ को हिदायत दी ।
सीएमओ ने बताया कि अभी तक इमरजेंसी वार्ड में एक ही वार्ड ब्वॉय नियुक्त था, आज से एक और वार्ड ब्वॉय नियुक्त कर आगे इस तरह की कोई भी लापरवाही नहीं दिखाई पड़ेगी।