लखनऊ । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्माण परियोजनाओं को पूरी गुणवत्ता के साथ समय सीमा के भीतर पूरा करने के निर्देश दिए और कहा कि पांच साल के भीतर सड़क खराब होने की दशा में निर्माता एजेंसी को ही सड़क का पुनर्निमाण करना होगा। श्री योगी ने शुक्रवार को यहां लोक निर्माण विभाग की चालू, लंबित तथा भावी कार्ययोजनाओं की समीक्षा करते हुये कहा कि जनहित की परियोजनाओं में देरी से न केवल लागत में बढ़ोतरी होती है, बल्कि आमजन को सेवाओं का लाभ समय से नहीं मिल पाता और असुविधा भी होती है। ऐसे में हमें समयबद्धता पर जोर देना होगा।उन्होने कहा कि लोक निर्माण विभाग द्वारा मेडिकल कॉलेज, विश्वविद्यालय सहित अनेक महत्वपूर्ण परियोजनाओं का निर्माण किया जा रहा है। यह सुनिश्चित हो कि हर कार्य पूरी गुणवत्ता से हो और समय पर पूरा हो। पेंडिंग कार्यों की जवाबदेही तय की जाए। विभागीय मंत्री परियोजनाओं की नियमित अंतराल पर समीक्षा करें। फील्ड विजिट करें और कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित कराएं।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्य को मैनुअल के स्थान पर मैकेनाइज़्ड किया जाना चाहिए। आईआईटी, एकेटीयू, एमएमएमयूटी जैसे संस्थानों से सहयोग लें। सड़क निर्माण के लिए उत्तर प्रदेश की एफडीआर तकनीक को केंद्र सरकार ने सराहा है। इसे लोक निर्माण विभाग में भी प्रभावी करें। साथ ही यह सुनिश्चित करे कि कहीं भी लोकहित से जुड़ी किसी परियोजना में माफिया/अपराधी प्रवृत्ति के लोगों को स्थान न मिले। उनके करीबी रिश्तेदारों और गैंग के गुर्गों को भी ठेके-पट्टे से दूर रखा जाए।
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उन्होने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए सड़क बनाने वाली एजेंसी/ठेकेदार सड़क बनने के अगले पांच वर्ष तक उसके अनुरक्षण की जिम्मेदारी भी उठाएगा। इस बारे में नियम-शर्ते स्पष्ट रूप से उल्लिखित की जाएं। ग्रामीण मार्गों का यातायात एवं अन्य बिंदुओं पर आधारित चौड़ीकरण किया जाना आवश्यक है। इस संबंध में आवश्यक प्रस्ताव तैयार करें। निविदा प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाना चाहिए। योग्यता अनुभव, निष्ठा को वरीयता दें।
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श्री योगी ने कहा कि भवन कार्यों हेतु केंद्रीय लोक निर्माण विभाग आधारित प्रदेशव्यापी एकल यूनिफाइड शेड्यूल रेट्स को अपनाया जाना चाहिए। इस पर विधिवत विचार किया जाए। ग्रामीण मार्गो से अन्य जिला मार्ग एवं अन्य जिला मार्गों से प्रमुख जिला मार्ग परिवर्तन हेतु नयी नीति तैयार करें। व्यापक जनहित में ऐसा किया जाना आवश्यक है। उन्होने कहा कि अयोध्या में रामपथ एवं भक्ति पथ के निर्माण में प्रदेश में प्रथम बार वाइट टॉपिंग व स्टैम्प्ड कंक्रीट तकनीक का प्रयोग कर नए उच्च स्तरीय मानकों के साथ मार्गों का निर्माण किया जा रहा है। ऐसे प्रयोग अन्य स्थानों पर किये जाने चाहिए। लोक निर्माण विभाग के सभी राज्य मार्गों जिला मार्गो एवं अन्य जिला मार्ग सहित समस्त ग्रामीण मार्गों की भी जीआईएस मैपिंग कराई जाए। एक किलोमीटर से अधिक पारस्परिक दूरी के ग्रामों को आपस में जोड़ने हेतु इंटर कनेक्टिविटी योजना को प्रभावी करें।