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पत्नी की वीमारी के चलते पति ने कराई नसबंदी

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पत्नी की वीमारी के चलते पति ने कराई  नसबंदी

पत्नी की वीमारी के चलते पति ने कराई नसबंदी

  • ग्रामीण मजदूर ने करवाई पुरुष नसबंदी और निभाई जिम्मेदारी

इटावा।  मेरी पत्नी अस्वस्थ रहती थीं। मेरे पुत्र के जन्म के बाद डॉक्टरों ने कहा कि यह शारीरिक रूप से कमजोर हैं। दोबारा मां बनने में जोखिम है। इसीलिए मैंने अपनी जिम्मेदारी समझते हुए पिछले माह उदी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर पुरुष नसबंदी कराई। यह कहना है ग्राम हवेलिया ब्लॉक उदी निवासी 32 वर्षीय (राजन बदला हुआ नाम) का। राजन ने कहा कि मैं अपने अनुभव से कह सकता हूं पुरुष नसबंदी कराने के बाद मुझे किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं हुई। मैं पहले की तरह ही सामान्य महसूस करता हूं और मेरा वैवाहिक जीवन भी अच्छा चल रहा है। राजन ने  कहा कि परिवार नियोजन के निशुल्क संसाधन सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध हैं।

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वहीं परिवार नियोजन स्थायी संसाधन के रूप में पुरुष नसबंदी के संदर्भ में समाज में जागरूकता का होना आवश्यक है। राजन ने बताया मेरी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है मैं एक मजदूर हूं। मैं अपने पुत्र के जन्म के बाद दूसरा बच्चा नहीं चाहता था। मेरी पत्नी भी अस्वस्थ्य रहती हैं मैंने उनके स्वास्थ्य को देखते हुए परिवार नियोजन के स्थायी संसाधन के रूप में नसबंदी करवाना उचित समझा। उन्होंने बताया कि सर्वप्रथम गांव की आशा ने मुझे पुरुष नसबंदी के बारे में जानकारी दी और वह मुझे उदी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर ले गई। वहां पर डॉ अनिल द्वारा मुझे बताया गया कि चंद मिनट में नसबंदी हो जाती है और नसबंदी कराने के बाद किसी यौन क्षमता पर कोई भी प्रतिकूल असर नहीं पड़ता है।

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मन में मेरे जो भी भ्रांतियां थी वह भी डॉ अनिल के द्वारा दूर कर दी गई। राजन ने कहा कि समाज में इस मिथक को तोड़ना जरूरी है कि परिवार नियोजन संसाधन सिर्फ और सिर्फ महिलाओं के लिए ही सुविधाजनक है पुरुषों के लिए नहीं। इसीलिए मैं कहना चाहूंगा मैंने पुरुष नसबंदी कराने के बाद अपने अंदर किसी भी तरह का कोई भी प्रतिकूल प्रभाव अनुभव नहीं किया है।मैं सभी से अनुरोध करूंगा जिन लोगों का परिवार पूरा हो चुका है वह किसी झिझक या भ्रांति के कारण पुरुष नसबंदी नहीं करवा रहे हैं वह अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर एक बार परिवार नियोजन परामर्शदाता और विशेषज्ञ डॉक्टरों से इस संदर्भ में खुलकर बात करें जिससे उनकी सभी भ्रांतियां दूर होंगी और वह मानसिक रूप से परिवार नियोजन के स्थायी संसाधनों को अपनाने के लिए तैयार हो पाएंगे।

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राजन ने बताया कि मुझे पुरुष नसबंदी कराने पर ₹3000 की प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की गई साथ ही उदी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चिकित्सा अधीक्षक डॉ विनोद शर्मा और डॉ अनिल व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा मेरी परिवार नियोजन के स्थायी संसाधन को अपनाने की पहल के लिए मेरी सराहना की और मुझे सही मार्गदर्शन प्रदान किया। परिवार नियोजन नोडल डॉक्टर बी एल संजय का कहना है कि पुरुष नसबंदी अत्यंत सरल और सुरक्षित है राजन जैसे व्यक्ति कि मैं सराहना करता हूं।

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जिन्होंने अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए नसबंदी कराई और मैं अन्य लोगों से भी कहना चाहता हूं जिनका परिवार पूरा हो चुका है अगर वह अपनी स्वेच्छा से नसबंदी कराना चाहते हैं तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर आकर संपर्क करें। परिवार नियोजन व लॉजिस्टिक प्रबंधक अमित विश्वकर्मा ने बताया कि जनपद में 2019 -20 में 6, 2020-21 में 6, 2021-22 में 5, पुरुषों ने अब तक नसबंदी करवाई है। पुरूष नसबंदी कराने वाले व्यक्ति को क्षतिपूर्ति राशि 3000 रु तथा प्रेरक को 400 रू की धनराशि प्रदान की जाती है।

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