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जन्माष्टमी पर्व को लेकर सजे घर व मंदिर, तैयारियांं जोरों पर

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जन्माष्टमी पर्व को लेकर सजे घर व मंदिर,  तैयारियांं जोरों पर
जन्माष्टमी पर्व को लेकर सजे घर व मंदिर, तैयारियांं जोरों पर

फर्रुखाबाद । श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व को लेकर घरों एवं मंदिरों मेें तैयारियांं शुरू कर दी गयी हैं। जन्माष्टमी पर लड्ड गोपाल को सजाने के लिए बाजार सज गए हैं।श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व 30 अगस्त को मनाया जाएगा। शहर से लेकर कस्बों तक सभी मंदिरों में भव्य सजावट की जा रही है । बाजारों में जगह जगह भगवान की पोषाक और साज सज्जा के सामान की दुकानें सज गई हैं।

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कान्हा के झूले, सखियां, गाय, बछड़े समेत अन्य साज सज्जा का सामान भक्तों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। जिला कोरोना मुक्त हुआ तो ऐसे में लोग इस बार त्योहार को कोविड प्रोटोकाल में मनाने के लिए जुट गए हैं।

भाद्रप्रद माह  की  अष्टमी को रात 12 बजे के वक्त का सभी भक्तों को इंतज़ार है जब कन्हैया का जन्म होना है।बाजारों में सजी दुकानों पर लोग साज सज्जा की सामग्री एवं वस्त्रों के अलावा झूले और भगवान की प्रतिमा ही खरीद रहे हैं। शहर के चौक और रेलवे रोड की दुकानों पर बड़ी संख्या में कान्हा के भक्त सजावट का सामान खरीद रहे हैं। बाजार में जो भीड़ उमड़ी है उससे दुकानदार भी काफी खुश हैं।

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क्योंकि पिछले वर्ष जिस तरह से कोरोना रहा उससे घरों में ही लोग त्योहार मनाने को विवश हुए। अब जब मंदिरों में भी इसी तरह से तैयारी की जा रही है जिससे कि कोविड प्रोटोकाल भी बना रहे और धूमधाम के साथ लड्डू गोपाल का जन्मदिन मनाया जा सके। घर- घर  नटवर नागर के जन्म की खुशियाँ मनाने की तैयारियां चल रहीं हैं, भक्तों को बाल कृष्ण की बहुत चिंता है। कन्हैया के खेलने के लिए पतंग- चरखी, बैट -बाल का भी इंतजाम किया गया है. इसके अलावा रत्न जड़ित मुकुट, राजस्थानी पगड़ी, फैंसी सिंहासन व सोफा भी झांकियों के मुख्य आकर्षण होंगे।

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर शहर के मंदिरों व घरों में झांकियां सजाई जा रहीं है। बाजार में सजी दुकानों पर लड्डू गोपाल के लिए परंपरागत ड्रेस के अलावा मथुरा व राजस्थानी ड्रेसें, रत्न जड़ित मुकुट, राजस्थानी पगड़ी आदि सामान उपलब्ध है। कान्हा को गर्मी से बचाने के लिये  पंखे बाजार में उपलब्ध हैं।यही नहीं नए जमाने में कन्हैया के लिए रूम एसी और कूलर का भी प्रबंध किया गया है. लड्डू गोपाल को गर्मी से गर्मी से बचाने के लिए  300 रुपये में  पंखा और 1500  रुपये में एसी बिक रहा है. भगवान के खेलने के लिए चर्खी – पतंग, बैट – बाल और चश्मा भी 60 से 300 रुपये तक में बिक रहा है।

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भगवान  के सिर पर मोरमुकुट, मोती नग, जरकन के मुकुट दिखाई देंगे। यह मुकुट बाजार में 5 रुपये से लेकर 2000 रुपये तक में मिल रहे हैं। लड्डू गोपाल की मूर्ति 35 रुपये से 1500 रुपये व राधा-कृष्ण की मूर्तियां भी भक्तों के लिए बाजार में दुकानों पर सजी हैं। कान्हा पर डुलाने के लिए चंवर भी 50 रुपये से लेकर 700 रुपये में उपलब्ध है। दुकानदार नारायण दुबे ने बताया कि भगवान के लिए इस बार गुजरात से ड्रेसों की ख़ास वैराइटी आई हैं जो लोग डिमांड कर रहे हैं।

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