कानपुर । केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) में अनियमितिता का एक मामला प्रकाश में आया है जब योजना से सूचीबद्ध एक निजी नर्सिंग होम ने एक बुजुर्ग लाभार्थी को भर्ती किये बगैर इलाज के एवज में 39 हजार रुपये के भारी भरकम बिल का आवेदन सीजीएचएस को प्रेषित कर दिया।
दरअसल, विकास नगर निवासी सीजीएचएस लाभार्थी ब्रज किशोर त्रिपाठी (78) के मोबाइल फोन पर पिछले दिनो एसएमएस आया कि वह कल्याणपुर क्षेत्र स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती हुये थे और उनके इलाज के एवज में अस्पताल ने 39 हजार 227 रुपये का बिल सीजीएचएस से क्लेम किया है।
श्री त्रिपाठी ने एसएमएस की प्रतिलिपि के साथ इसकी शिकायत सीजीएचएस की अपर महानिदेशक डा किरन को एक पत्र के जरिये की है।
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उन्होने कहा कि वह उक्त अस्पताल में पिछले साल नवंबर में मामूली इलाज के लिये गये थे जहां भर्ती किये बगैर मरहम पट्टी कर उनकी छुट्टी कर दी गयी थी हालांकि अस्पताल ने उनके लाभार्थी कार्ड को अपने कंप्यूटर में स्कैन किया था। इस बारे में बात करने पर डा किरन ने कहा कि अस्पताल के रिकार्ड की जांच करने पर पता चला है कि लाभार्थी पिछले साल नवंबर में भर्ती हुआ था मगर बिल में कुछ कमी पाये जाने पर उसे दोबारा बिल प्रेषित करने के निर्देश दिये गये थे। उन्होने शिकायती पत्र के बारे में कहा कि अस्पताल को इस संबंध में कारण बताओ नोटिस जारी करने की तैयारी की जा रही है और जल्द ही सभी सूचीबद्ध अस्पतालों को इस बारे में एक दिशा निर्देश जारी किये जायेंगे।
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उधर , पेंशनर फोरम के महासचिव आनंद अवस्थी ने कहा कि सीजीएचएस के लाभार्थी के साथ यह पहला मामला नहीं है। इस तरह की शिकायतें उन्हे पहले भी प्राप्त हुयी है जिसके बारे में तत्कालीन विभागाध्यक्षों को सूचना दी गयी है। उन्होने सुझाव दिया कि सीजीएचएस प्रशासन को अस्पतालों को लाभार्थी कार्ड को स्कैन कराने के बजाय फोटो कॉपी लेने के निर्देश दिये जाने चाहिये और साथ ही अब तक जिन लाभार्थियों के कार्ड किसी न किसी बहाने से सूचीबद्ध अस्पतालों ने स्कैन किये हैं उसकी जानकारी एकत्रित की जानी चाहिये ताकि इस प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके।