प्रयागराज । इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बीएचयू कुलपति प्रोफेसर सुधीर जैन को आदेश का अनुपालन न करने पर प्रथम दृष्टया अवमानना का दोषी मानते हुए उन्हें एक और मौका दिया है। कोर्ट ने कहा है कि वह दो महीने की भीतर आदेश का अनुपालन करें या फिर बताए कि उनके खिलाफ क्यों न अवमानना कार्रवाई की जाए।
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यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश पाठक ने डॉ. ललित कुमार की अवमानना याचिका पर दिया है। कोर्ट ने याची एसोसिएट प्रोफेसर को नियमानुसार विभागाध्यक्ष पद पर तैनात करने पर विचार करने का आदेश पारित किया था लेकिन विभागाध्यक्ष पद पर दूसरे की नियुक्ति हो गई। इस पर याची ने अवमानना याचिका दाखिल की है।