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हाईकोर्ट ने यूटा जिलाध्यक्ष की बर्खास्तगी आदेश को किया निरस्त

हाईकोर्ट ने  यूटा जिलाध्यक्ष की बर्खास्तगी आदेश को  किया निरस्त

हाईकोर्ट ने यूटा जिलाध्यक्ष की बर्खास्तगी आदेश को किया निरस्त

औरैया । बेसिक शिक्षा में व्याप्त भ्रष्टाचार को समाप्त करने में अग्रणी भूमिका में कार्यशील शिक्षक संगठन यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन (यूटा) के जिलाध्यक्ष ओमजी पोरवाल की बर्खास्तगी आदेश को उच्च न्यायालय ने निरस्त कर दिया। गत 2 मई को तत्कालीन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी चन्दनाराम यादव ने प्राथमिक विद्यालय सिखरना ब्लॉक औरैया में बतौर सहायक अध्यापक कार्यरत ओमजी पोरवाल की सेवा समाप्ति का आदेश जारी किया था। शिक्षक संगठन यूटा के जिलाध्यक्ष ओमजी पोरवाल अपने साथ कुछ अन्य पदाधिकारियों को लेकर विधूना स्थित उनके कार्यालय पर आये और ब्लॉक संसाधन केन्द्र पर आधार कार्ड बनवाने में अभिभावकों से 400-400 रुपये की बसूली का विरोध किया जिसको लेकर खण्ड शिक्षा अधिकारी अवनीश यादव ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से शिकायत की कि यूटा जिलाध्यक्ष ओमजी पोरवाल सहित अन्य पदाधिकारियों ने उनके साथ मारपीट की। उक्त शिकायत के क्रम में जांच अधिकारी कृपाशंकर यादव तत्कालीन खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा प्रेषित एकपक्षीय जांच आख्या के आधार पर बीएसए ने उनको सेवा से मुक्त कर दिया था।

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अपनी सेवा समाप्ति के विरुद्ध उच्च न्यायालय में योजित रिट याचिका में ओमजी पोरवाल ने बताया कि उन्होंने चार वर्ष पूर्व बीएसए कार्यालय में तैनात वरिष्ठ लिपिक विनीत कुमार को बीस हजार की रिश्वत लेते विजिलेंस के माध्यम से रंगे हाथ गिरफ्तार करवाया था। इस प्रकरण में यूटा कानपुर के मण्डल अध्यक्ष नीरज राजपूत व वे स्वंय शिकायतकर्ता थे, दोनों ही लोगों पर प्रकरण में गवाही न देने के लिये भारी विभागीय दबाव था,लेकिन उन्होंने दृढ़ संकल्प के साथ न्यायालय में अपनी गवाही दी थी। इसके अतिरिक्त तत्कालीन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के कार्यकाल में कई अन्य बाबुओं ने भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा कर दी थी जिसकी शिकायत उन्होंने संगठन के पदाधिकारी की हैसियत से उच्चाधिकारियों से की थी जिसके चलते तत्कालीन बीएसए,जांच अधिकारी एवं बीईओ अवनीश यादव ने संगठित रूप से षड्यंत्र के तहत निजी द्वेष भावना के चलते उनकी सेवा समाप्त कर दी है। वादी के विद्वान वरिष्ठ अधिवक्ता आरके ओझा और दिनेश तिवारी ने अपनी दलील में बर्खास्तगी आदेश को एकपक्षीय जांच आख्या के आधार पर, विभागीय नियमों के विपरीत,नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत की अवहेलना कर,निजी द्वेष भावना से ग्रसित होकर जारी बताया। उच्च न्यायालय इलाहाबाद के न्यायमूर्ति मा.विवेक वर्मा ने दोनों पक्षों की सुनवाई के उपरांत अपने निर्णय दिनांक 25 जुलाई के द्वारा पोरवाल के बर्खास्तगी आदेश को पूर्णरूपेण नियमविपरीत मानते हुए निरस्त कर दिया है।

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शिक्षकों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर जताई खुशी

दिबियापुर। यूटा जिलाध्यक्ष ओमजी पोरवाल की बर्खास्तगी के निरस्तीकरण के आदेश होते ही शिक्षकों में खुशी की लहर दौड़ गयी।गुरुवार को संगठन के कार्यालय दिबियापुर के रामगढ़ रोड स्थित गायत्री आश्रम में पहुंचकर तमाम शिक्षकों ने एक दूसरे को मिष्ठान खिलाकर खुशी व्यक्त की तथा संगठन के जिलाध्यक्ष ओमजी पोरवाल व मंडल अध्यक्ष नीरज राजपूत का माल्यार्पण कर स्वागत व उत्साहवर्धन किया।यूटा के जिलाध्यक्ष ओमजी पोरवाल ने कहा कि जीत सत्य की हुई है।वे अंतिम सांस तक शिक्षकों के हित के लिये संघर्ष करते रहेंगे।इस दौरान यूटा जिला महामंत्री विनय वर्मा ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र राठौर के नेतृत्व में भृष्टाचार के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा।इस दौरान जिला उपाध्यक्ष आलोक बाबू गुप्ता,धर्मेंद्र अम्बेडकर,चंद्रेश दुबे,अभिषेक सिंह,अवनीश राजपूत,आनंद राजपूत,प्रशांत चौबे, आदित्य गुप्ता, वरुण कुमार,लक्ष्मीकांत राजपूत,सौरभ पांडेय,दीपक गुप्ता, ओमकार गौतम व विनोद राजपूत,लक सहित सैकङो शिक्षको ने मिठाई बांटकर खुशी जताई।

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