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‘इंडियन फिल्म पर्सनैलिटी’ पुरस्कार के लिए हेमा मालिनी, प्रसून जोशी के नाम का एलान

'इंडियन फिल्म पर्सनैलिटी' पुरस्कार के लिए हेमा मालिनी, प्रसून जोशी के नाम का एलान
‘इंडियन फिल्म पर्सनैलिटी’ पुरस्कार के लिए हेमा मालिनी, प्रसून जोशी के नाम का एलान

नई दिल्ली। सरकार ने वर्ष 2021 के ‘इंडियन फिल्म पर्सनैलिटी’ पुरस्कार के लिए प्रख्यात अभिनेत्री हेमा मालिनी और प्रसिद्ध गीतकार प्रसून जोशी के नामों का एलान किया है। इन पुरस्कारों की घोषणा करते हुए सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, “मुझे अभिनेत्री और सांसद श्रीमती मालिनी और गीतकार और भारतीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड अध्यक्ष श्री जोशी के ‘इंडियन फिल्म पर्सनैलिटी’ पुरस्कारों के लिए नाम की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है। भारतीय सिनेमा के क्षेत्र में इनका योगदान कई दशकों से है।”

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उन्होंने कहा कि श्रीमती हेमा मालिनी और श्री जोशी के काम ने पीढ़ी दर पीढ़ी लोगों को मंत्रमुग्ध किया है। ये दोनों भारतीय सिनेमा के प्रतीक हैं जिन्हें दुनिया भर में प्रशंसा और सम्मान मिला है। दोनों विभूतियों को यह सम्मान गोवा में भारत के 52 वें अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में प्रदान किया जाएगा।

16 अक्टूबर 1948 को तमिलनाडु के अम्मानकुडी में जन्मी श्रीमती मालिनी अभिनेत्री, लेखिका, निर्देशक, निर्माता, नृत्यांगना और राजनीतिज्ञ हैं। उन्होंने 1963 में तमिल फिल्म इधु साथियाम के साथ अभिनय की शुरुआत की और बाद में, 1968 में सपनों का सौदागर की मुख्य अभिनेत्री के रूप में हिंदी सिनेमा में प्रवेश किया। तब से, उन्होंने शोले, सीता और गीता, सत्ते-पे-सत्ता और बागबान जैसी 150 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया है। ‘ड्रीम गर्ल’ के नाम से भी जानी जाने वाली श्रीमती मालिनी को 2000 में भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म श्री सम्मानित किया गया था। उन्होंने राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम की अध्यक्ष के तौर पर भी दायित्व निभाया। 2003 से 2009 तक वह राष्ट्रपति द्वारा नामित किए राज्यसभा सांसद रहीं। 2014 से वह मथुरा से लोकसभा सांसद हैं।

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जोशी कवि, लेखक, गीतकार, पटकथा लेखक और संचार विशेषज्ञ और विज्ञापन गुरु हैं। वर्तमान में वह ‘मैककैन वर्ल्ड ग्रुप इंडिया’ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

जोशी ने 2001 में राजकुमार संतोषी की लज्जा में गीतकार के तौर पर भारतीय सिनेमा में प्रवेश किया और तब से वह कई बेहद सफल फिल्मों का हिस्सा रहे हैं। तारे ज़मीन पर, रंग दे बसंती, भाग मिल्खा भाग, नीरजा, मणिकर्णिका, दिल्ली 6 और कई अन्य फिल्मों में उन्होंने अपने लेखन की छाप छोड़ी है। तारे ज़मीन पर (2007) और चटगांव (2013) में अपने काम के लिए उन्हें दो बार सर्वश्रेष्ठ गीत के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्राप्त हुआ है। वर्ष 2015 में, भारत सरकार ने उन्हें कला, साहित्य और विज्ञापन के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए पद्म श्री से सम्मानित किया गया।

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