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प्रौद्योगिकी से लैस हेलमेट विकसित, ताजी हवा की सांस ले सकेंगे दुपहिया चालक

प्रौद्योगिकी से लैस हेलमेट विकसित, ताजी हवा की सांस ले सकेंगे दुपहिया चालक

प्रौद्योगिकी से लैस हेलमेट विकसित, ताजी हवा की सांस ले सकेंगे दुपहिया चालक

नई दिल्ली। राजधानी में सर्दियों में दमघोंटू प्रदूषण में दुपहिया चलाने वालों की दशा को ध्यान में रख कर दिल्ली स्थित एक स्टार्टअप द्वारा केंद्र सरकार की मदद से विकसित एक प्रदूषण रोधी हेलमेट टू-व्हीलर सवारों को स्वच्छ हवा में सांस लेने में मदद कर सकता है। शेलिओस टेक्नोलैब्स द्वारा विकसित हेलमेट में एक ब्लूटूथ-सक्षम ऐप है जो दुपहिया वाहन सवार को यह बताता है कि हेलमेट को कब सफाई की आवश्यकता है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की सोमवार को जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार स्टार्टअप ने अपनी इकाई विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) की वित्तीय सहायता से विज्ञान और प्रौद्योगिकी उद्यमी पार्क (जेएसएसएटी-एसटीईपी) नोएडा में लगायी है।

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बयान में कहा गया है कि शेलिओस टेक्नोलैब्स के संस्थापकों ने दिल्ली में सर्दियों में हवा की गुणवत्ता से दुपहिया चालकों बाइकर्स के सामने आने वाली चुनौतियों को महसूस कर के उसका समाधान निकाला है। इस स्टार्टअप ने हेलमेट के हिस्से पुर्जे बनाने वाले प्रमुख मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) के साथ इस प्रौद्योगिकी के व्यवसायीकरण के करार पर पर हस्ताक्षर किए हैं। इस हेलमेट को प्रौद्योगिकी की तैयारी (टीआरएल) के स्तर-9 पर उपयोगी करार देते हुए पेटेंट प्रदान किया गया है और इसे देश के सभी हिस्सों में 4500 रुपये की कीमत पर बेचा जा रहा है। शेलिओस ने उत्पाद के व्यवसायीकरण के लिए रॉयल एनफील्ड मोटरसाइकिलों के साथ भागीदारी की है।

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शेलिओस के संस्थापकों में से एक अमित पाठक ने कहा,“ सड़कों पर हवा की गुणवत्ता की स्थिति के कारण स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों से परेशान रहते हैं। विशेष रूप से लाखों दोपहिया सवार हवा में पार्टिकुलेट मैटर और वाहनों के उत्सर्जन की दोहरी मार से पीड़ित होते हैं। ”प्यूरॉस नाम का यह हेलमेट वायु शुद्ध करने वाले सामान के साथ एकीकृत है। इसमें एक ब्रशलेस डीसी (बीएलडीसी) ब्लोअर फैन, उच्च दक्षता वाले पार्टिकुलेट एयर (हीप) फिल्टर झिल्ली, इलेक्ट्रॉनिक सर्किट, और माइक्रोयूएसबी चार्जिंग पोर्ट को जोड़ा गया है।

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हेलमेट के पिछले हिस्से में लगा शुद्धिकरण सिस्टम बाहर से आने वाले सभी पार्टिकुलेट मैटर को पकड़ लेता है और बाइकर तक पहुंचने से पहले हवा को साफ कर देता है। इसका वजन डेढ़ किलोग्राम है। मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि सरकार द्वारा निर्धारित सभी अनिवार्य मानकों का पालन करते हुए इस हेलमेट से नियंत्रित वातावरण में की गयी जांच में दुपहिया चालकों के लिए वायु प्रदूषण का जोखिम में 80 प्रतिशत की कमी पायी गयी।

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