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रुक्मणी विवाह सुनने से अच्छे वर की होती है प्राप्ति-यशी किशोरी

रुक्मणी विवाह सुनने से अच्छे वर की होती है प्राप्ति-यशी किशोरी

रुक्मणी विवाह सुनने से अच्छे वर की होती है प्राप्ति-यशी किशोरी

भाजपा जिलाध्यक्ष ने भागवत कथा में की पूजा अर्चना,आयोजको ने किया स्वागत

औरैया। शहर के मोहल्ला पढीन दरवाजा नई बस्ती नंदनी गेस्ट हाउस के पास में आयोजित हो रही नौ दिवसीय श्रीमद्भागवत ज्ञान यज्ञ समारोह में श्री धाम वृंदावन से पधारी सरस कथा वाचक यशी किशोरी जी ने आठवें दिन श्रोताओं को रसपान कराते हुए कहा कि महारास में पांच अध्याय है। उनमें गाए जाने वाले पंच गीत भागवत के पंच प्राण है। जो भी ठाकुर जी के इन पांच गीतों को भाव से गाता है वह भव पार हो जाता है। कहा कि उन्हें वृंदावन की भक्ति सहज प्राप्त हो जाती है। कथा में भगवान का मथुरा प्रस्थान, कंस का वध, महर्षि संदीपनी के आश्रम में विद्या ग्रहण करना, कालयवन का वध, उधव गोपी संवाद, ऊधव द्वारा गोपियों को अपना गुरु बनाना, द्वारका की स्थापना एवं रुकमणी विवाह के प्रसंग का संगीतमय भावपूर्ण पाठ किया गया। भारी संख्या में भक्तगण दर्शन के लिए शामिल हुए। कथा के दौरान सरस कथा वाचक यशी किशोरी ने श्रोताओं से कहा कि महारास में भगवान श्रीकृष्ण ने बांसुरी बजाकर गोपियों का आह्वान किया और महारास लीला द्वारा ही जीवात्मा परमात्मा का ही मिलन हुआ।

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उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण ने 16 हजार कन्याओं से विवाह कर उनके साथ सुखमय जीवन बिताया। भगवान श्रीकृष्ण रुकमणी के विवाह की झांकी ने सभी को खूब आनंदित किया। भागवत कथा के आठवें दिन कथा स्थल पर रूकमणी विवाह के आयोजन ने श्रद्धालुओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। श्रीकृष्ण रुकमणी की वरमाला पर जमकर फूलों की बरसात हुई। सरस कथा वाचक ने भागवत कथा के महत्व को बताते हुए कहा कि जो भक्त प्रेमी कृष्ण रुक्मणी के विवाह उत्सव में शामिल होते हैं उनकी वैवाहिक समस्या हमेशा के लिए समाप्त हो जाती है कथा श्रवण के दौरान स्थानीय महिलाओं पर पांडवों के भाव अवतरित हुए, कहा कि जीव परमात्मा का अंश है इसलिए जीव के अंदर अपारशक्ति रहती है यदि कोई कमी रहती है |

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वह मात्र संकल्प की होती है संकल्प एवं कपट रहित होने से प्रभु उसे निश्चित रूप से पूरा करेंगे उन्होंने महारास लीला श्री उद्धव चरित्र श्री कृष्ण मथुरा गमन और श्री रुक्मणी विवाह महोत्सव प्रसंग पर विस्तृत विवरण दिया श्री रुक्मणी विवाह महोत्सव प्रसंग पर व्याख्यान करते हुए उन्होंने कहा कि रुकमणी के भाई रुकमि ने उनका विवाह शिशुपाल के साथ सुनिश्चित किया था, लेकिन रुक्मणी ने संकल्प लिया था कि वह शिशुपाल को नहीं केवल गोपाल को पति के रूप में वरण करेंगे उन्होंने कहा शिशुपाल असत्य मार्गी है और द्वारिकाधीश भगवान श्री कृष्ण सत्य मार्गी है

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इसलिए वो असत्य को नहीं सत्य को अपनाएगी अंत भगवान श्री द्वारकाधीश जी ने रुक्मणी के सत्य संकल्प को पूर्ण किया और उन्हें पति के रूप में वरण करके प्रधान पटरानी का स्थान दिया रुक्मणी विवाह प्रसंग पर आगे यशी किशोरी ने कहा इस प्रसंग को श्रद्धा के साथ श्रवण करने से कन्याओं को अच्छे घर और वर की प्राप्ति होती है और दांपत्य जीवन सुखद रहता है। वही भाजपा जिलाध्यक्ष भुवन प्रकाश गुप्ता ने भागवत कथा में पूजा अर्चन किया।
इस मौके पर परीक्षित किरन पाल पत्नी वीरपाल सिंह, राजवीर पाल सभासद, दिलीप पाल, मान सिंह पाल, राहुल यादव, सोनू पाल, राजेंद्र यादव, शेरू दीक्षित, ऋषि कुशवाह, जयपाल सहित कई अनेक श्रोता मौजूद रहे।

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