औरैया: पवित्र माह रमजान में रोजेदारों के साथ ही सभी मुस्लिम भाई इबादत के समय टोपी लगाते हैं। इस बार लाक डाउन के चलते बाजार बंद रहे। जिसके चलते रामपुर और आगरा से टोपियां, सुरमा, जानमाज आदि सामान जिले में नहीं आ सका है। जिससे मुस्लिम समाज के लोगों को इन पुरानी चीजों से ही काम चलाना पड़ रहा है। शुक्रवार को रमजान माह सातवां दिन। इस माह के शुरु होने के लगभग एक माह पहले से ही कोरोना वायरस के चलते लाक डाउन लग गया था। जिसे जिले के दुकानदारों द्वारा रमजान माह की तैयारियां नहीं की जा सकी।
रमजान माह की तैयारियां दुकानदारों द्वारा लगभग एक माह पहले ही शुरू कर दी जातीं थी। जिसके चलते रामपुर से टोपियां और बरेली से सुरमा मंगाते थे। इसके साथ ही जानमाज और मुसल्ला भी मंगाए जाते थे। रमजान माह शुरु होने के एक सप्ताह पहले से ही इन चीजों की जमकर खरीद भी देखने को मिलती थी। दुकानदार सरताज खां ने बताया कि रमजान माह के पहले रामपुर की टोपियां बाजार में आतीं हैं। इसके साथ ही रंगीन डिजाइनर टोपियों के अलावा कश्मीरी टोपी, जालीदार टोपी भी देखने को मिलती थी। लेकिन इस बार लाक डाउन के चलते कुछ भी नहीं देखने को मिला। सलीम कादरी ने बताया कि यह महीना इबादत का होता है। इस महीने लोग जानमाज, तस्वीह, टोपी, कुरान आदि खरीदते हैं।
अधिकांश लोग रमजान का महीना पूरा होने पर इन चीजों को मस्जिदों में भी दे देते हैं। मोहम्मद सलीम कादरी ने बताया कि लाक डाउन के चलते रमजान माह के लिए सामान नहीं मंगाया जा सके हैं। ऐसे में पिछले महीनों जो सामान मंगवाया गया था वही सामान लोगों को उपलब्ध कराया गया। इस बार टोपियों और जानमाज के साथ ही सुरमा भी बाजार में उपलब्ध न होने से समाज के लोगों को दिक्कतें हो रहीं हैं। वही मुस्लिम महिलाएं भी पुरानी जा नमाज पर इबादत करती हूं।वही अपने रब से दुआ मांगती हूं करोना वारस ऐसी महा बीमारी को पूरे मुल्क से सिफा कामयाबी अता फरमाए।