जयपुर। राजस्थान में मचा सियासी घमासान खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। सीएम पद को लेकर अभी भी अशोक गहलोत और सचिन पायलट गुट के विधायकों के बीच नोकझोंक हो रही है। सभी को सोनिया गांधी के फैसले का इंतज़ार है। अशोक गहलोत सीएम की कुर्सी पर बने रहेंगे या फिर नहीं। इस बात पर अभी सस्पेंस बरकरार है। इस बीच अब अशोक गहलोत ने इस पूरे मामले पर बड़ा बयान दिया है, जिसके कई सारे मायने निकल रहे है। अशोक गहलोत ने अपने बयान से पार्टी नेतृत्व को बताने की कोशिश की है की विधायक नेतृत्व से डरे हुए है। उन्हें उनके फैसले का इंतज़ार है। गहलोत से जब सीएम पद को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ‘हम अपना काम कर रहे है। पार्टी नेतृत्व को सारा निर्णय लेना है। हम सभी ने हाईकमान पर सब कुछ छोड़ दिया है। ‘
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वही, उनसे जब विधायकों के बगावत पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ‘मैंने 50 साल में पहली बार देखा कि मैं अपनी कोई बात विधायकों से मनवाया नहीं पाया। मैंने ये बात सोनिया गांधी से भी कही थी। मैं एक लाइन का प्रस्ताव पारित नहीं करवा पाया। जबकि वह मेरी ड्यूटी थी, लेकिन यहां पर यह स्थिति क्यों बनी, इस पर रिसर्च की जरूरत है। वो इस्तीफा देने को तैयार थे, लेकिन बात मानने के लिए तैयार नहीं थे, इसलिए हमें इसपर विचार करना होगा।’ इसी के साथ गहलोत ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा,’बीजेपी हमारी पार्टी को गिराने का एक मौका नहीं छोड़ती है। हमारे विधायकों को खरीदने की भी कोशिश होती है। सबके रेट तय है। हमारे विधायक हम लोगों के साथ है। मैं उनका अभिभावक हूं। राजस्थान में जो भी हुआ मैंने उसकी माफ़ी पहली बार मांग ली है।