- फर्जी विजिलेंस अधिकारी को चार साथियों के साथ दबोचा
- इटावा में एसओजी व सिविल लाइंस थाना पुलिस को मिली बड़ी सफलता
- नीली बत्ती लगी इनोवा कार व कई असलहे बरामद
- पकड़े गए आरोपियों में तथाकथित मीडिया कर्मी भी
शिवम दुबे, इटावा। इटावा पुलिस के हाथ बड़ी सफलता लगी है। सिविल लाइन थाना पुलिस व एसओजी ने लोगों के साथ ठगी करने वाले फर्जी विजिलेंस उपायुक्त (आईआरएस अधिकारी) व 2 तथाकथित मीडिया कर्मियों सहित कुल 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया।पुलिस ने आरोपियों के पास से एक नीली बत्ती लगी इनोवा कार और कई असलहा ,मोबाइल फोन आदि बरामद किए हैं।पकड़े गए आरोपी आईजीआरएस पोर्टल पर खुद ही शिकायत डालते थे और फिर उसका निस्तारण करने के लिए जांच अधिकारी बनकर धन उगाही करते थे।
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वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक इटावा आकाश तोमर के निर्देशन में अपराध एवं अपराधियों के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान में एसओजी इटावा एवं थाना सिविल लाइन की संयुक्त टीम ने लोगों को नौकरी आदि का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह के 01 फर्जी आईआरएस अधिकारी सहित कुल 5 अभियुक्तों को किया गया गिरफ्तार किया।
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शुक्रवार देर शाम थाना सिविल लाइन पुलिस टीम डीएम चैराहे पर संदिग्ध वाहन व्यक्ति चेकिंग कर रही थी। इसी दौरान मिली सूचना पर लौहन्ना चैराहे की ओर से इटावा शहर की ओर आ रही नीली बत्ती लगी इनोवा कार को रोका गया, कार में कुल 5 लोग सवार थे। पुलिस को देख कर आरोपियों ने कार रोककर भागने का प्रयास किया गया पर उन्हें पुलिस टीम ने घेराबंदी कर दबोच लिया।
कार व पकडे गए लोगों से उपायुक्त विजिलेंस अधिकारी का फर्जी आईडी कार्ड, फैक्ट्री मेड रायफल, विभिन्न न्यूज चैनल की माइक आईडी, फर्जी मोहरें, मोबाइल फोन आदि बरामद हुए।
पुलिस पूछताछ में यह आया सामने
पुलिस टीम की पूछताछ में अभियुक्त मनीष कुमार ने बताया गया कि वह गत 2-3 वर्ष से लगातार आईआरएस एवं आईपीएस अधिकारी बनकर दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, इटावा व प्रदेश के विभिन्न जनपदों में विजिलेंस अधिकारी बनकर लोगों से ठगी का काम करते थे। अभियुक्त ने बताया कि स्वयं ही वह किसी भी व्यक्ति के खिलाफ आईजीआरएस पर शिकायत डालकर स्वयं ही सरकार की ओर से जांच टीम बनकर व्यक्ति को ब्लैकमेल करके रुपए ठगने का काम करते थे। अभियुक्त द्वारा यह भी बताया गया कि वह अपने साथ अपने पत्रकार मित्रों को भी साथ रखते थे जिससे किसी भी व्यक्ति को ब्लैकमेल करके ठगी की जा सके तथा अपना काम कराने के लिये किसी भी अधिकारी पर दबाव बनाया जा सके।
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पुलिस पूछताछ में यह तथ्य भी सामने आया कि अभियुक्त मनीष बर्खास्त बैंक PO कर्मचारी है, जिसे बैंक द्वारा लोन धोखाधडी में बर्खास्त कर दिया गया था । उसके बाद से ही अभियुक्त द्वारा फर्जी आईआरएस अधिकारी बनकर ठगी करता था। अभियुक्त द्वारा स्वयं को आईआरएस अधिकारी के तौर पर दिखाने के लिये फर्जी आईडी कार्ड व फर्जी बेवसाइट भी बनायी गई थी।
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आधा दर्जन मामले दर्ज किए गए
- मु0अ0सं0 239/20 धारा 171,420,467,468,471,120बी भादवि थाना सिविल लाइन बनाम मुनीष व अन्य 04
- मु0अ0सं0 240/20 धारा 25,27,30 आम्र्स एक्ट थाना सिविल लाइन बनाम योगश कुमार
- मु0अ0सं0 241/20 धारा 3/25 आम्र्स एक्ट थाना सिविल लाइन बनाम बलवन्त कुमार खरवार
- मु0अ0सं0 242/20 धारा 3/25 आम्र्स एक्ट थाना सिविल लाइन बनाम रामकुमार
- मु0अ0सं0 243/20 धारा 3/25 आम्र्स एक्ट थाना सिविल लाइन बनाम सौरभ चैहान
- मु0अ0सं0 244/20 धारा 420,386 भादवि थाना सिविल लाइन
गिरफ्तार अभियुक्तों के नाम
- मनीष कुमार पुत्र रामप्रकाश निवासी जिगसौरा थाना जसवंतनगर जनपद इटावा।(फर्जी विजिलेंस अधिकारी)
- योगेश कुमार पुत्र सतीश कुमार निवासी कस्बा धनौरा थाना मण्डी धनौरा जनपद अमरोहा
- बलवन्त कुमार खरवार पुत्र मदन खरवार निवासी तरैथा थाना भभुआ रामगढ बिहार
- रामकुमार पुत्र छोटेलाल नि0 बीलमपुर थाना इकदिल इटावा। (कथित पत्रकार)
- सौरभ चैहान पुत्र देवेन्द्र चैहान निवासी विकास कालोनी पक्का बाग थाना इकदिल इटावा।(कथित पत्रकार)
पुलिस टीम में सत्येन्द्र यादव प्रभारी एसओजी, बीके सिंह प्रभारी सर्विलास मय टीम व भूपेन्द्र सिंह राठी थाना प्रभारी सिविल लाइन, सुुबोध सहाय, एसआइ संत कुमार मय टीम शामिल रहे।