- शमसाबाद-शाहजहांपुर मार्ग पर बह रहा पानी गंगा का पानी
- फर्रुखाबाद में खतरे का निशान छूने को बेताब गंगा
- बाढ़ प्रभावित गांवों की संख्या 33 हुई
- गांवों में तेजी से कटान कर रहा गंगा का पानी
- ग्रामीण सुरक्षित जगह पर बसाने की कर रहे मांग
- कई बेघर हुए परिवार पॉलिथीन में कर रहे गुजारा
फर्रुखाबाद। गंगा के जलस्तर में लगातार हो रही बढ़ोतरी से पानी खतरे के निशान की ओर बढ़ चला है। गुरुवार को अमृतपुर और शमसाबाद के 15 और गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया। इसी के साथ बाढ़ प्रभावित गांवों की संख्या बढ़कर 33 हो गई है। अमृतपुर क्षेत्र के 21 व शमसाबाद के 12 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। गंगानदी की कटान से अब जंजाली नगला पर खतरे में आ गया है। इससे ग्रामीणों की नींद हराम हो गयी है। गांव में 40 घर हैं और करीब 500 की आबादी है।
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यहां के निवासी खुद अपने आसियाने तोड़ रहे है। गंगानदी की कटान से कल्लू नगला और धारा नगला गांव पूर्व में कट चुके हैं। कई लोग बेघर हो गए जो इन दिनों सड़क किनारे पॉलीथिन डालकर जीवन यापन कर रहे हैं। नरौरा बांध से गंगा में एक लाख नौ हजार 233 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। पांच दिन से लगातार एक लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने से गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। शुक्रवार को गंगा का जलस्तर 136.90 मीटर पर पहुंच गया है।
जबकि खतरे का निशान 137.10 मीटर पर है। गंगा का जलस्तर बढ़ने से क्षेत्र के करीब 2 दर्जन गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। गांव कटरी तौफीक व अचानकपुर में गलियों में पानी भरा होने के साथ 14 घरों में पानी घुस गया है। गांव कटरी तौफीक में विद्यालय परिसर में पानी भरा होने से बच्चे पानी से होकर पहुंच रहे हैं।कटरी क्षेत्र के समैचीपुर, चितार, कासिमपुर की मड़ैया, अजीजाबाद का नगरा, परसादी की मड़ैया, रूपपुर मंगलीपुर सहित एक दर्जन गांवों में बाढ़ का पानी भरा होने से समस्या बढ़ गई है।
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घरों में रोजमर्रा की वस्तुएं लाने में दिक्कत हो रही है। शमसाबाद-शाहजहांपुर मार्ग पर पानी बहने से वाहन नहीं निकल पा रहे हैं। पानी बढ़ने से जंजाजी नगला गांव में तेजी से कटान हो रहा है। ग्रामीणों के खेत मकान नदी में समा चुके हैं। ग्रामीणों ने बताया कि नदी से खेत मकान में कटान हो रहा है। ग्रामीणो ने दूसरी जगह सुरक्षित जगह दिलाने की मांग की है।