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यूपी में बाढ़ की आफत, टापू में तब्दील हुए प्रदेश के कई गांव…

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोना के बाद अब बाढ़ का कहर भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। आलम यह है कि सैकड़ों गांव टापू में तब्दील हो गए हैं लोग अपने घरों को छोड़कर जाने को मजबूर हैं। सरयू और शारदा के किनारे बसे गांव का संपर्क एक दूसरे से टूट चुका है लोग नाव के सहारे अपने दिनचर्या की जरूरतों को पूरा करने के लिए इधर से उधर सफर कर रहे हैं। सरयू और शारदा नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए ग्रामीणों में खौफ का माहौल व्याप्त है। लोग अपने घरों को छोड़कर जाने को मजबूर हो गए हैं। वर्तमान में उत्तर प्रदेश में जनपद अंबेडकर नगर, आजमगढ़, अयोध्या, बहराइच, बलिया, बाराबंकी, बस्ती, कुशीनगर, देवरिया, फर्रूखाबाद, गोरखपुर, लखीमपुर खीरी, गोंडा, मऊ, संतकबीर नगर तथा सीतापुर के साथ कई अन्य जनपदों के कुल 1029 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं।

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यूपी राहत आयुक्त, संजय गोयल ने बताया कि पिछले 24 घंटे में प्रदेश का एक और जनपद कासगंज बाढ़ से थोड़ा प्रभावित हुआ है। इस जनपद में 7 गांव बाढ़ से प्रभावित सूचित किए गए हैं। अब प्रदेश के 18 जनपदों के 1029 गांव बाढ़ प्रभावित हैं। प्रदेश में अब तक 370 बाढ़ शरणालयों की स्थापना की गई है, जिनमें वर्तमान में 4 जनपदों के 27 बाढ़ शरणालयों में लगभग 1488 व्यक्ति रह रहे हैं।

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पिछले 24 घंटों में बाढ़ से प्रभावित 7639 परिवारों को खाद्यान्न किट का वितरण किया गया है। अभी तक कुल 1,41,589 खाद्यान्न किट का वितरण किया गया है। बाढ़ प्रभावित जनपदों में 1173 नावों का संचालन किया जा रहा है। विभागों के बीच समन्वय के लिए प्रदेश में 784 बाढ़ चौकियों की भी स्थापना की गई है। कुल 427 पशु शिविर संचालित किए गए हैं जिसमें लगभग 6,90,000 पशुओं का टीकाकरण किया गया है। तो वही प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों को प्रभावी ढंग से संचालित करने के निर्देश भी दिए हैं।

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