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व्यापमं मामले में तीन लोगों को पांच साल का कठोर कारावास

व्यापमं मामले में तीन लोगों को पांच साल का कठोर कारावास
व्यापमं मामले में तीन लोगों को पांच साल का कठोर कारावास

नई दिल्ली । मध्यप्रदेश में केंद्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई) की विशेष अदालत ने व्यापमं मामले में एक उम्मीदवार और दो बिचौलियों को पांच साल के कठोर कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई है।

सीबीआई सूत्रों के मुताबिक दिलीप कन्नोजे एक उम्मीदवार और दो अन्य हृदेश राजपूत और मनीष राजपूत बिचौलिए थे।
उन्होंने बताया कि कन्नोजे ने पीएमटी 2009 परीक्षा पास करने के लिए कथित तौर पर किसी अन्य व्यक्ति को जरिया बनाया था। रासा शीट और प्रवेश फॉर्म पर उपस्थित होने वाले उम्मीदवार की तस्वीर और हस्ताक्षर कथित तौर पर अलग थे।

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जांच के दौरान सीबीआई ने फरार आरोपितों से पूछताछ की। उम्मीदवार के नमूना हस्तलेख ओएमआर शीट, रासा और स्वीकृत हस्तलेखों के साथ सीएफएसएल को भेजे गए थे। उस पर विशेषज्ञ की राय ने स्थापित किया कि उम्मीदवार के नमूना हस्तलेख और हस्ताक्षर प्रश्नित ओएमआर शीट और रासा शीट पर उपलब्ध हस्तलेखों और हस्ताक्षरों से मेल नहीं खाते थे जो उम्मीदवार के नाम पर थे।

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जांच में यह तथ्य भी सामने आया कि कन्नोजे लाभार्थी उम्मीदवार थे, जिन्होंने पीएमटी-2009 में अपना चयन स्वयं लिखित परीक्षा में शामिल हुए बिना प्राप्त किया और बाद में अन्य लोगों के साथ साजिश में अनुचित तरीके अपनाकर ग्वालियर के एक मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश लिया।
सीबीआई ने उच्चतम न्यायालय के नौ जुलाई52015 के आदेश के अनुपालन में छह अगस्त-2015 को मामला दर्ज किया था और धोखाधड़ी से दाखिले के संबंध में ग्वालियर के झांसी रोड पुलिस स्टेशन में पहले दर्ज मामले की जांच अपने हाथ में ले ली थी।

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