प्रतापगढ़ । उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ के भाजपा सांसद संगम लाल गुप्ता ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी, उनकी पुत्री एवं कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना समेत 77 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।
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लालगंज थाने में आईपीसी 1860 की धारा 147,148,149,307,323,336,504,506,427 के तहत दर्ज एफआईआर में सांसद गुप्ता ने आरोप लगाया है कि प्रमोद तिवारी और उनकी पुत्री आराधना मिश्रा के अलावा सागीपुर के ब्लाक प्रमुख बबलू सिंह एवं उनके समर्थकों ने शनिवार को एक सरकारी कार्यक्रम में उन पर योजनाबद्ध तरीके से हमला किया।
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एफआईआर 27 नामजद और 50 अज्ञात के खिलाफ दर्ज कराई गई है।इससे पहले श्री गुप्ता खुद पर हुए हमले के विरोध में शनिवार शाम वाराणसी- लखनऊ राजमार्ग पर लालगंज ट्रामा सेंटर के सामने धरने पर बैठ गए थे । उनकी मांग थी कि कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी और उन पर हमला करने वाले समर्थकों को जल्द गिरफ्तार किया जाये। स्थानीय सांसद के धरने के चलते राजमार्ग पर भीषण जाम लग गया।
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गौरतलब है कि प्रतापगढ़ जिले विधान सभा क्षेत्र रामपुर खास के सांगीपुर ब्लाक के सभागार में शनिवार को आरोग्य मेला आयोजित किया गया था जिसमें काग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी और उनकी पुत्री एवं उप्र विधानसभा में कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता अराधना मिश्रा मोना मौजूद थी। इस बीच मुख्य अतिथि के रूप में प्रतापगढ़ के सांसद संगम लाल गुप्ता पहुंचे जिसके बाद सभा स्थल पर हंगामा शुरू हो गया।
कांग्रेस और भाजपा समर्थकों के बीच जमकर नारेबाजी हुयी जो देखते ही देखते मारपीट में तब्दील हो गयी। इस बीच सांसद संगम लाल गुप्ता अपने सुरक्षा गार्ड के साथ सभागार से निकल कर भागे। मारपीट के दौरान सांसद के कपड़े फट गये और उनकी गाड़ी में तोड़ फोड़ की गई।घटना के बाद संगम लाल गुप्ता ने अपनी फटी हुई शर्ट को दिखाते हुए कहा कि योजनाबद्ध तरीके से उन पर हमला कराया गया है। आरोप है कि कांग्रेसियों ने भाजपा कार्यकर्ताओं को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा और भाजपा सांसद की कई गाड़ियों को पथराव और लाठी-डंडे से क्षतिग्रस्त कर दिया।सांसद ने कहा कि सांगीपुर ब्लाक में वह एक सरकारी कार्यक्रम में भाग लेने गये थे |
जहां मंच पर योजनाबद्ध तरीके से 50-60 लोग मौजूद थे। वहां मौजूद एक पुलिस अधिकारी ने मंच से लोगों को हटने के लिये कहा जिस पर उन्होने पुलिस अधिकारी के साथ मारपीट शुरू कर दी। जब उन्होने ऐसा करने से मना किया तो भीड़ उन पर टूट पड़ी। उन्होने किसी तरह बच कर अपनी जान बचायी। उपद्रवियों ने उनके वाहनों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया।