कार्यक्रम के मौके पर प्रबंधकों को कृषि साहित्य भी दिया गया
फफूंद । कृषि विज्ञान केंद्र परवाहा एवं इफ़को के संयुक्त तत्वाधान में शनिवार को सहकारी प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सहायक निबंधक एवं सहायक आयुक्त कमलाकांत मिश्रा मौजूद रहे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कृषि विज्ञान केंद्र के हेड एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ अनंत कुमार ने कहा कि तिलहन वाली फसलों में सल्फर का प्रयोग अवश्य करें। जिससे तेल की मात्रा तो बढ़ेगी साथ ही साथ गुणवत्ता भी आएगी उन्होंने जैविक उर्वरकों के बारे में विस्तार से समझाया।
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फसल वैज्ञानिक डॉ एस के सिंह ने उर्वरकों की महत्ता पर बल देते हुए कहा कि मृदा की जांच के आधार पर ही उर्वरकों का प्रयोग करें। उर्वरकों के अधिक प्रयोग करने से कीट व बीमारियों के लगने की संभावना बढ़ जाती है इसलिए अनुशंसित मात्रा का ही प्रयोग करें।सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक सहकारिता कमलाकांत मिश्रा ने संबोधित करते हुए कहा कि सभी अपने लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए समिति का व्यवसाय बढ़ाएं तथा जैविक उर्वरक, सागरिका, जल विलेयकों के साथ-साथ सल्फर की भी किसानो को उनकी उपयोगिता बताकर किसानों तक पहुंचाएं।
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उन्होंने इफको उत्पाद जैविक रसायनों के प्रयोग पर प्रकाश डालते हुए इनके प्रयोग करने की सलाह दी।क्षेत्र प्रबंधक इफको, प्रेम राज शर्मा ने कहा कि सागरिका समुद्र के शैवाल से तैयार किया जाता है यह पोषक तत्वों से परिपूर्ण है इसे बोनी के समय व खड़ी फसलों में भी प्रयोग किया जाता है। यह दानेदार व तरल दोनों ही रूप में सहकारी समितियों पर उपलब्ध है। इस अवसर पर कृष्ण मोहन शर्मा अपर जिला सहकारी अधिकारी ने भी प्रबंधकों को संबोधित कर कहा कि किसानों की सेवा बेहतर रूप से तभी कर सकते हैं
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जो आज के प्रशिक्षण में बताया गया है उसको किसानों के बीच ले जाकर प्रयोग कराकर किसानों की फसलों से लाभ अर्जित करा सकें।इस अवसर पर सभी प्रबंधकों को कृषि साहित्य भी दिया गया कार्यक्रम में कुल 95 प्रतिभागियों ने भाग लिया तथा ज्ञान अर्जन किया। कार्यक्रम का संचालन प्रेम राज शर्मा क्षेत्र प्रबंधक इफको ने किया।