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पूर्व सैनिकों ने वीरता , शोर्य और बलिदान का प्रतीक कारगिल विजय दिवस मनाया

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पूर्व सैनिकों ने वीरता , शोर्य और बलिदान का प्रतीक कारगिल विजय दिवस मनाया

औरैया। अखिल भारतीय पूर्व सैनिक संघ के तत्वाधान में शुक्रवार को कारगिल विजय दिवस को शहर के रॉयल सिटी गार्डन में पूर्व सैनिकों ने कारगिल युद्ध में शहीदों की शहादत को याद करने के साथ पाकिस्तान पर ऐतिहासिक जीत दर्ज करने को लेकर धूमधाम से मनाया। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण , पुष्पांजलि एवं द्वीप प्रज्वलित कर किया गया। तत्पश्चात कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि और वीरांगनाओं को माल्यार्पण, पुष्पगुच्छ व अंगवस्त्र तथा प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कैप्टन निर्भय सिंह गुर्जर जिलाध्यक्ष अखिल भारतीय पूर्व सैनिक संघ ने की तथा संचालन सूबेदार आनन्द सिंह धनगर जिला प्रवक्ता संघ ने किया। कार्यक्रम में उपस्थित बतौर मुख्य अतिथि कर्नल सुधीर सिंह राठौड़ रिटायर्ड जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास अधिकारी औरैया ने सभी पूर्व सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा कि आज के ही दिन 26 जुलाई 1999 को हमारी सेना ने कारगिल युद्ध में विजय पताका फहराई थी।

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साथ ही उन्होंने बताया कि कारगिल की पहाड़ियों पर पाकिस्तानी आर्मी ने गुपचुप तरीके से कब्जा जमा लिया था । जिसकी जानकारी भारतीय सेना को स्थानीय चरवाहों एवं सेना की एक टुकड़ी द्वारा दी गई थी। सैनिक संघ के जिलाध्यक्ष *कैप्टन निर्भय सिंह गुर्जर ने कहा कि कारगिल युद्ध को फतह करने के लिए हमारी सेना ने ऑपरेशन विजय चलाया था। इस युद्ध में हमारे 527 सैनिक शहीद हुए थे तथा 1363 सैनिक घायल हुए थे। जबकि पाकिस्तानी सेना के 453 सैनिक मारे गए थे , 700 घायल हुए थे तथा 8 युद्ध बंदी हुए थे। सैनिक संघ के जिला महासचिव *मन मोहन*सिंह सेंगर ने सभी मंचासीन अतिथियों व कार्यक्रम में मौजूद पूर्व सैनिकों, वीर नारियों और उनके आश्रितों का आदर सम्मान के साथ आभार व्यक्त किया। साथ ही उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि कारगिल का युद्ध 60 दिनों तक चला था जिसमें फ्रांस से निर्मित बोफोर्स तोपों ने दुश्मनों के छक्के छुड़ा दिए थे। दो महीने तक चले इस युद्ध में बोफोर्स तोपों ने ढाई लाख गोले दाग कर दुश्मनों की कमर तोड़ दी थी।

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यद्यपि टाइगर हिल की ऊपरी चोटी पर पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा पोजीशन लेने से हमारे सैनिकों को भारी जान माल का नुक़सान उठाना पड़ा था। अंत में हमारी सेना ने पाकिस्तानी सैनिकों को कारगिल की पहाड़ियों से 26 जुलाई 1999 को खदेड़कर विजय प्राप्त कर ली थी। *श्री सेंगर ने यह भी बताया कि इस कारगिल युद्ध में हमारे देश की मदद खुलकर इजरायल देश ने की थी। मोरटर्स, गोला बारूद के अलावा लड़ाकू विमानों के लिए लेजर गाइडेड मिसाइलें भी इजरायल ने ही मुहैया कराईं थीं। कारगिल युद्ध के दौरान इजरायल का समर्थन हमारे देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण था। क्योंकि इस समय भारत को 1998 के पोखरण परमाणु परीक्षण के कारण अमेरिका और अन्य देशों से प्रतिबंधों का भी सामना करना पड़ा था । ‌

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कार्यक्रम में कैप्टन विक्रम सिंह निषाद, कैप्टन बी डी यादव, कैप्टन एस एस सेंगर, कैप्टन अशोक कुमार मिश्रा, अनिल चौबे जिला संयोजक भाजपा औरैया, कमलेश निषाद, चेतराम निषाद, नरेंद्र सिंह सेंगर, महेंद्र प्रताप सिंह यादव, अविनाश अग्निहोत्री, विजय सिंह तोमर सभासद, अरविंद सिंह यादव, अवधेश यादव, राम प्रकाश राजपूत, रामकुमार निषाद, नंदकिशोर कुशवाहा, रामकृपाल सिंह सेंगर, बैजनाथ सिंह पाल, मीना देवी, राम राखी, सुनीता देवी, राम कुमारी, श्याम कुमारी के अलावा एक सैकड़ा पूर्व सैनिक और वीरांगनाएं मौजूद रहीं। कार्यक्रम के अंत में सभी अतिथियों संग पूर्व सैनिकों और वीरांगनाओं तथा उनके आश्रितों ने स्वल्पाहार किया।

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